तीसरी बार वाराणसी में PM मोदी ने भरा नामांकन, कौन हैं विभिन्न जातियों से ताल्लुक रखने वाले उनके 4 प्रस्तावक
पीएम मोदी के चारों प्रस्तावक अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं. प्रस्तावकों के विभिन्न जातियों से होने को एक प्रतीकात्मक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है.
वाराणसी. उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीसरी बार नामांकन किया. इससे पहले वो 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं. नामांकन भरने से पहले यहां गंगा नदी के किनारे दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की. नामांकन के दौरान पीएम मोदी के चार प्रस्तावकों ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. पीएम के चार प्रस्तावक हैं-पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर.
कौन हैं पीएम मोदी के चार प्रस्तावक
पीएम मोदी के चारों प्रस्तावक अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं. प्रस्तावकों के विभिन्न जातियों से होने को एक प्रतीकात्मक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है. काशी की ज्योतिष परंपरा से आने वाले ब्राह्मण समाज से गनेश्वर शास्त्री द्रविड़, जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े बैजनाथ पटेल, ओबीसी समाज से ही लालचंद कुशवाहा और दलित समाज से आने वाले संजय सोनकर पीएम के प्रस्तावक होंगे. बता दें कि गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था. वह ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते हैं. इसके अलावा. बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. लालचंद कुशवाहा भी ओबीसी समुदाय से हैं, जबकि संजय सोनकर दलित समाज से हैं.
क्या होता है प्रस्तावक का काम
बता दें कि नामांकन में प्रस्तावक की अहम भूमिका होती है. प्रस्तावक ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं. प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं. चुनाव में प्रस्तावक के बिना किसी उम्मीदवार का नामांकन अधूरा माना जाता है. रिटर्निंग ऑफिसर को प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सत्यापित करने होते हैं.
पीएम के नामांकन में एनडीए ने दिखाई एकजुटता
पीएम मोदी के नामांकन में एनडीए में शामिल सभी दल के प्रमुख या उनका बड़ा नेता मौजूद रहा. नामांकन कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, छत्तीसगढ़ के विष्णु देव साय, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, राजस्थान के भजनलाल शर्मा, महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे, हरियाणा के नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, हरदीप पुरी, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, यूपी में एनडीए के घटक लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, निषाद पार्टी के संजय निषाद, सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर, पशुपति पारस आदि की मौजूदगी रही.
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