दारा सिंह चौहान का सियासी सफर: पहले सपा, बसपा फिर बीजेपी.. अब हो गई घर वापसी!
दारा सिंह चौहान ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है. चुनावी मौसम में दल बदल की सियासत अब जोर पकड़ रही है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान के समाजवादी पार्टी में जाने से क्या असर पड़ेगा?
नई दिल्ली: दारा सिंह चौहान ने योगी सरकार और भाजपा को यूपी चुनाव से ठीक पहले तगड़ा झटका दिया है. चुनावी मौसम हो और दल बदल ना हो ऐसा कम ही होता है और जब बात उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों की हो तो दल बदल का आंकड़ा और भी बढ़ जाता है.
दारा सिंह ने क्यों दिया झटका
यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है. लगातार दूसरे दिन योगी सरकार के एक और मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा. निश्चित तौर पर भाजपा की योगी सरकार के लिए ये बड़ा झटका है.
दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दारा सिंह चौहान के साथ तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'समाजवादी पार्टी में आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन... सपा व उसके सहयोगी दल एकजुट होकर समता-समानता के आंदोलन को चरम पर ले जाएंगे… भेदभाव मिटाएंगे! ये हमारा समेकित संकल्प है! सबको सम्मान ~ सबको स्थान!'
इसी ट्वीट के बाद दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. मंगलवार को यूपी कैबिनेट के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देकर साइकिल की सवारी कर ली. अब दारा सिंह ने भाजपा को झटका दिया.
कौन हैं दारा सिंह चौहान?
आपको बता दें, 2017 चुनाव से पहले बीएसपी छोड़कर कर BJP में आए थे. यूपी सरकार में वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी. वो फिलहाल मऊ के मधुबन विधानसभा सीट से विधायक हैं. दारा सिंह चौहान को चौहान समाज का बड़ा नेता माना जाता है. ऐसा दावा किया जाता है कि मऊ समेत 20 जिलों में इनका प्रभाव है.
दारा सिंह चौहान ने छात्र जीवन से अपनी सियासी सफर की शुरुआत की थी. डीएवीपीजी कालेज आजमगढ़ के छात्र संघ चुनाव में वो उप मंत्री चुने गए थे. वर्ष 1996 में मुलायम सिंह यादव ने दारा सिंह चौहान को राज्यसभा भेजा था. इसके बाद वर्ष 2000 में उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा गया.
2006 के बाद उन्होंने अपने सियासी जीवन की पहली पलटी मारी. उन्होंने मायावती की बसपा को जॉइन किया. वर्ष 2009 में उन्होंने पहली बार घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे. लोकसभा में उन्हें बसपा संसदीय दल का नेता बनाया गया.
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर घोसी सीट से ही बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा. हालांकि इस बार उन्हें भाजपा के हरिनारायण राजभर ने मात दे दी. इसी के ठीक बाद वर्ष 2015 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया.
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें मऊ के मधुबन विधानसभा सीट से टिकट दिया. दारा सिंह को योगी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी गई. हालांकि अब चुनाव नजदीक है तो उन्होंने मंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और सपा के साइकिल पर सवार होने का मन बना लिया.
साइकिल पर सवार होंगे दारा सिंह चौहान!
योगी कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद दारा सिंह चौहान ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि 'पांच साल बीजेपी सरकार में वंचित और पिछड़ा वर्ग उपेक्षित रहा. उनके लिए कुछ नहीं किया गया.' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पूरे समाज से चर्चा करने के बाद निर्णय लूंगा.
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उत्तर प्रदेश में पलायन पॉलिटिक्स अब जोरों पर है, चुनावी बिगुल बज चुका है. ऐसे में कई नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हो चला है. ऐसे में अब आगे देखना होगा कि आने वाले दिनों में और कितने नेता इस दल-बदल की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए नजर आएंगे.
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