कोलकाता: ममता बनर्जी के गढ़ बीरभूम के बोलपुर में रोड शो के ज़रिये अमित शाह ने ज़बरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान हर ओर भगवा ही भगवा छाया रहा. बीरभूम से शुरुआत करने के पीछे भाजपा की यह खास रणनीति है


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बीरभूम में शाह की सियासी स्ट्राइक
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में मौजूद बोलपुर से सामने आई अमित शाह के रोड शो की तस्वीरें भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्य बंगाल विजय को हासिल करने की मुनादी करती है. बंगाल की चुनावी जंग में विजय का परचम लहराने निकली बीजेपी ने सियासी युद्ध का शंखनाद दीदी के गढ़ से ही किया है. बीरभूम जिले के बोलपुर में शाह ने रोड शो के ज़रिये सम्पूर्ण बंगाल विजय की पटकथा लिख दी है.



शाह की जनसैलाब वाली सुनामी क्यों ममता के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, अब इसे समझिए.


2019 की कसर 2021 में पूरी होगी ?
- बीरभूम जिले में 2 लोकसभा सीटें हैं, बीरभूम और बोलपुर. 
- इसके अलावा पूरे बीरभूम जिले में 11 विधानसभा सीटें हैं. 
- 2016 विधानसभा चुनाव में ममता की तृणमूल ने यहां 9 सीटें जीती थी. 
- जबकि 1 सीट सीपीआई (M) 1 सीट कांग्रेस के हिस्से में गई थी. 
- 2019 के चुनाव में बीजेपी दोनों लोकसभा सीटों पर नहीं जीत पाई. 
- हालांकि विधानसभा सीटों के लिहाज़ से 11 में 5 पर बीजेपी ने बढ़त बनाई थी.

मतलब, शाह लोकसभा के भरोसे को चंद महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के बेहतर नतीजों में बदलना चाहते हैं और इस लक्ष्य को साकार करने के लिए बीरभूम जिले के 250 बूथ पर कार्यकर्ताओं के बीच जोश भरने की ज़रुरत है जो नलहाटी, हंसन, मुरारई जैसे विधानसभा क्षेत्रों में आते हैं.


बोलपुर से बंगाल विजय का शंखनाद
बीरभूम में मौजूद बोलपुर से शाह ने रोड शो के ज़रिये जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन दिखाया. ये इस लिहाज़ से भी अहम है कि जिस बीरभूम में जय श्री राम के नारे गूंजते सुनाई दिए. जहां हर तरफ़ भगवा ही भगवा दिखाई दिया, वो बीरभूम कभी कम्युनिस्टों का अभेद्य किला था.


- बोलपुर में 1971 - 2014 तक कम्युनिस्ट पार्टी का दबदबा रहा है. यहां से लेफ्ट के सरादिश रॉय ने 4 बार यहां से चुनाव जीता. सोमनाथ चटर्जी ने 7 बार यहां से चुनाव जीता.


- 2014 में TMC ने 'लेफ्ट का किला' छीन लिया. यहां से 2019 लोकसभा चुनाव में भी TMC ही जीती. इसलिए शाह नीति के केंद्र में बीरभूल जिले का बोलपुर रहा.


बोलपुर से बंगाली अस्मिता को साधा
शाह नीति बस इन सीटों को साधने की नहीं रही. मकसद सैकड़ों बंगालियों के दिलों को छूने वाले बोलपुर से संदेश देना भी रहा. इसलिए दिन के बंगाल दौरे में शाह ने अपने दूसरे दिन की शुरूआत बोलपुर के ही विश्वभारती विश्वविद्यालय से की जहां शांति निकेतन में एक घंटे से ज्यादा रूके. 


इस दौरान कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किया. इसी तरह शाह बोलपुर में हनुमान मंदिर पहुंचे और बजरंगबली का आशीर्वाद लिया. बीरभूम जिला दरअसल बंगाल की सांस्कृतिक चेतना से जुड़ा हुआ है. जहां से भाजपा अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का जादू बखूबी चला सकता है. 


इसके अलावा ममता बनर्जी से दुश्मनी रखने वाले लेफ्ट पार्टियों का पुराना कैडर भी भाजपा के लिए यहां मददगार साबित हो सकता है.  


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