अभिषेक बनर्जी ने `हथौड़ा त्यागी` के किरदार को लेकर किया खुलासा, बोले अब ऐसे रोल...
Abhishek Banerjee: वेब सीरीज `पाताल लोक` में अभिषेक बनर्जी ने हथौड़ा त्यागी का रोल निभाया था. उनके इस किरदार को काफी पसंद किया गया था. वहीं अब एक्टर ने अपने किरदार को लेकर ये बात कही है.
नई दिल्ली Abhishek Banerjee: वेब सीरीज 'पाताल लोक' में अभिषेक बनर्जी ने हथौड़ा त्यागी का रोल निभाया था, जो काफी हिट रहा. एक्टर को इसकी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि यह किरदार ज्यादा नहीं बोलता था और इसे कम स्क्रीन टाइम मिला था.
हथौड़ा त्यागी किरदार को लेकर कही ये बात
अभिषेक बनर्जी ने इंटरव्यू में कहा, मुझे अपने रोल से पूरी तरह प्यार हो गया था, और कहीं न कहीं मुझे पता था कि इस किरदार में मेरे जीवन को बदलने की क्षमता है. बेशक, मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि लोग शायद मुझे 'हथौड़ा त्यागी' के नाम से जानेंगे. मुझे लगातार कोशिश करनी है और कुछ ऐसा करना है जो हथौड़ा त्यागी जितना ही रोमांचक हो, ये बहुत मुश्किल होने वाला है.
इस फिल्म में आएंगे नजर
अभिषेक बनर्जी जल्द ही फिल्म 'सेक्स लाइक्स एंड स्टोरीज' में नजर आएंगे. ये पूरी फिल्म आईफोन पर शूट हुई है. अभिनेता जल्द ही एक आईफोन पर कीथ गोम्स द्वारा निर्देशित लघु 'सेक्स, लाइक्स एंड स्टोरीज' में नजर आएंगे. इसका निर्देशन कीथ गोम्स ने किया है. इसमें वह 'छोकरा बॉय' का किरदार निभा रहे हैं, जो एक साधारण सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से है, जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी और के होने का नाटक करने के लिए करता है और पूरी तरह से अलग जीवन जीने की कोशिश करता है. बनर्जी मुस्कुराते हुए बताते हैं कि इसमें उनका किरदार उनके चरित्र बिल्कुल विपरीत है. उन्होंने कहा, मैं वह हूं जो मैं हूं. मेरा विश्वास करो, मैं एक मीडियाकर्मी के साथ एक इंटरव्यू में दिखावा भी नहीं कर सकता.
किरदार निभाने से पहले करते थे रिसर्च
किरदार निभाने से पहले अपने रिसर्च के लिए जाने जाने वाले एक्टर का कहना है कि वही हमेशा एक बुद्धिमान विचार होता है और विविध रंगों और बारीकियों को सामने लाने में सहायक होता है. ट्रेवल करना, नोट्स बनाना और नए लोगों से मिलना वह तब भी करते है जब वह किसी भूमिका की तैयारी नहीं कर रहे होते है. उन्होंने कहा, अपने दिमाग में एक चरित्र बनाने के लिए आपको उसकी पृष्ठभूमि को समझने की जरूरत है. ट्रेवल करने से न केवल आप नए लोगों से मिलते हैं बल्कि अलग-अलग जगहों, संस्कृतियों और विविध सामाजिक मानदंडों के बारे में भी सीखते हैं.
फिल्मों में काम करने से पहले किया थिएटर
बनर्जी, जिन्होंने मुंबई में बेस शिफ्ट करने से पहले दिल्ली में कई वर्षों तक थिएटर किया था, को लगता है कि यह माध्यम आगे बढ़ने में एक लंबा रास्ता तय करता है. यह आवश्यक है कि दर्शकों को ठीक वही महसूस हो जो आप उनके लिए ²श्य के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने के लिए चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, और थिएटर में प्रशिक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करता है. यह याद करते हुए कि 'स्त्री', 'बाला' और 'ड्रीम गर्ल 2' में कॉमेडी भूमिकाओं में कास्ट होने के बाद, वह सोचने लगे कि क्या उन्हें दूसरी शैली में मौका मिलेगा, यह ओटीटी था जो 'मिर्जापुर', 'पाताल लोक' और 'टाइपराइटर' में भूमिकाओं के साथ उनके इस चिंता को खत्म कर था. इसके बाद उन्हें 'रश्मि रॉकेट', 'अनकही कहानियां' और 'अजीब दास्तान' जैसी फिल्मों के ऑफर मिले, जो मेरे पिछले प्रोजेक्ट्स से बिल्कुल अलग हैं.
बनर्जी को लगता है कि फोन पर फिल्म की शूटिंग के अपने फायदे और नुकसान हैं. इसकी प्रक्रिया तेज हो सकती है, लेकिन कभी-कभी उपयुक्त मात्रा में रोशनी, ध्वनि आदि को कैप्चर करना भी कठिन हो जाता है.
वर्कफ्रंट
एक्टर, जो वर्तमान में 'अपूर्वा', 'स्त्री 2', 'ड्रीम गर्ल 2' और 'राणा नायडू 2' सहित फिल्मों के लिए काम कर रहे हैं, कहते हैं, मैं एक एक्शन फिल्म का भी हिस्सा बनने जा रहा हूं जिसे लेकर मैं काफी उत्साहित हूं.
इनपुट-आईएएनएस
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