अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म `बरेली की बर्फी` को 7 साल पूरे, कृति सेनन स्टारर ने इन 5 वजहों से जीता था दिल
Bareilly Ki Barfi completes 7 years: `बरेली की बर्फी` के 7 साल पूरे हो गए हैं. अश्विनी अय्यर तिवारी के निर्देशन में बनीं कृति सेनन, राजकुमार राव और आयुष्मान खुराना की फिल्म लोगों को बेहद पसंद आई थी.
नई दिल्ली:Bareilly Ki Barfi completes 7 years: अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा डायरेक्ट की गई "बरेली की बर्फी", जिसमें कृति सेनन, आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव लीड रोल में हैं, उसे रिलीज हुए आज 7 साल पूरे हो चुके हैं. ये हल्की फुल्की फिल्म बॉलीवुड पर एक गहरा असर छोड़ चुकी है, इस तरह से यह एक मॉडर्न क्लासिक बन गई है, जो अब तक अपने अनोखे ह्यूमर, रोमांस, और रिलेट करने वाली स्टोरी टेलिंग के साथ लोगों को एंटरटेन करती है.
छोटे शहर की दिल फेंक बातें
"बरेली की बर्फी" की सबसे खास बात ये है कि ये छोटे शहर की जिंदगी को बिल्कुल असली तरीके से दिखाती है. फिल्म ने उत्तर प्रदेश के बरेली शहर की असली रूह को अपने जिंदा दिल किरदारों, वहां की बोली और खूबसूरत लोकेशन के साथ जिंदा कर दिया है. ये सेटिंग कहानी को और भी ज्यादा रियल और रिलेटेबल बना देती है.
मजबूत महिला नायक
कृति सैनन का बिट्टी मिश्रा का किरदार, जो एक खुले विचारों और इंडिपेंडेंट लड़की है और जो समाज के पितृसत्तात्मक नियमों का विरोध करती है, जो देश भर के लोगों से जुड़ता है. बिट्टी का किरदार टिपिकल बॉलीवुड हीरोइन से अलग था, जो एक ऐसी लड़की को दिखता है, जो जैसी है वैसे रहने के लिए कभी नहीं शर्माती.
यादगार म्यूजिक
तनिष्क बागची, अर्को प्रावो मुखर्जी और समीरा कोप्पिकर जैसे टैलेंटेड कास्ट द्वारा क्रिएटेड फिल्म का साउंडट्रैक "बरेली की बर्फी" की एक खासियत है. "स्वीटी तेरा ड्रामा" और "नज़्म नज़्म" जैसे गानों ने फिल्म की अपील को और बढ़ा दिया और पापुलर हिट बन गए जिन्हें लोग आज भी पसंद करते हैं. म्यूजिक पूरी तरह से कहानी से मेल खाता है, जिससे फिल्म के इमोशनल और मजेदार पल और भी बेहतर हो जाते हैं.
मजेदार और रिलेट करने वाली स्टोरी टेलिंग
"बरेली की बर्फी" अपनी अनोखी और भरोसेमंद स्क्रीनप्ले के लिए जानी जाती है, जिसे नितेश तिवारी और श्रेयस जैन ने मिलकर लिखा है. यह ह्यूमर, समझदारी और गर्मजोशी से भरपूर है. किरदारों को अच्छी तरह से विकसित किया गया है, हर एक ने कहानी में अपना अलग टच जोड़ा है, जिसकी वजह से उनसे जुड़ना आसान हो जाता है.
मॉडर्न रॉम कॉम पर असर
"बरेली की बर्फी" का मॉडर्न रोमांटिक कॉमेडी पर एक हमेशा रहने वाला असर हुआ है. इसने ये दिखाया है कि छोटे शहरों में सेट फिल्में, असल किरदार और असल कहानियां दर्शकों को पसंद आती हैं. ये साबित करता है कि लोग एंटरटेनमेंट और असल कहानियों को ही पसंद करते हैं. इसका असर बाद में आई फिल्मों में साफ देखने मिला है, जिन्होंने इसी तरह के थीम और कहानी कहने के स्टाइल को अपनाया है.
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