नई दिल्ली: एक परमाणु बम से एक साथ कई शहरों को तबाह किया जा सकता है. इस बम का आविष्कार करने वाले और दुनिया का पहला परमाणु हथियार बनाने वाले वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की कहानी बेहद दिलचस्प है. बता दें कि रॉबर्ट ओपेनहाइमर और परमाणु बम अविष्कार पर फिल्म बनी है. यह फिल्म 21 जुलाई 2023 को रिलीज होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं एटॉमिक बॉम्ब के जनक का भारत से गहरा नाता है. उन्होंने भगवत गीता को अच्छी किताबों में से एक बताया है. आइए जानते हैं कैसे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 संस्कृत भाषा सीखी 
जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर महान वैज्ञानिक थे विज्ञान के साथ-साथ उनकी रुचि रहस्यवाद में भी काफी थी. जे रॉबर्ट को भाषाएं सीखना भी काफी पसंद था. उन्होंने 8 भाषाएं सीखी थी. 8वीं भाषा संस्कृत थी. उन्होंने संस्कृत को सीखने के बाद गीता और उपनिषद जैसे हिंदू ग्रंथों को पढ़ा और गहराई से इनका अध्ययन किया. 


भगवत गीता से थे प्रभावित 
जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की हिंदू धर्म में काफी गहरी रुचि थी. इसके अलावा भगवत गीता ने उनके जीवन को काफी प्रभावित किया था. उन्होंने संस्कृत भाषा में भगवत किया का अध्ययन किया था. ओपेनहाइमर के अनुसार पश्चिम के देश अगर भारत से सीख सकते थे तो यह गीता का अध्ययन था. उनके अनुसार भारत के महाकाव्य महाभारत में ब्रह्मास्त्र का उल्लेख मिलता है जो परमाणु बम के समान ही माना जाता था. 


भगवत गीता ने बदल दिया नजरिया 
ओपेनहाइमर ने बताया था कि भगवत गीता पढ़ने और समझने के बाद उनका नजरिया बदल गया.ओपेनहाइमर को गीता पर काफी विश्वास था वह अपने दोस्तों को भी गीता पढ़ने की सलाह देते थे. ओपेनहाइमर अपने पास गीता की एक प्रति हमेशा रखते थे. वह अक्सर अपनी बात कहने के लिए भगवत गीता के श्लोक इस्तेमाल करते थे. 


इसे भी पढ़ें:  Oppenheimer Trailer: ओपेनहाइमर का ट्रेलर रिलीज , जानें पहला परमाणु बम बनाने वाले अमेरिकन साइंटिस्ट जे रॉबर्ट की कहानी 


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप