Avatar 2 Boycott: अवतार 2 को जहां दुनियाभर में बहुत ज्यादा प्यार मिल रहा है वहीं इस फिल्म को इसके प्लॉट के लिए दुत्कारा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म में Tone Deaf प्लॉट को शामिल किया गया है. Tone Deaf यानि वो इंसान जो म्यूजिक को नोट्स को सुन नहीं पाता है. ऐसे में इसे कल्चर का हिस्सा बताकर स्क्रीन पर दिखाने से लोग आहत हुए हैं.


'अवतार' पर सवाल


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2009 में आई Avatar में Pandora नाम की जगह में नवी नाम के लोग रहते हैं. नवी वहां के स्थानीय लोग हैं जो नीले रंग के हैं. ऐसे में दर्शकों को ये बात बेहद अटपटची लगी थी कि नवी के किरदार के लिए उसी तरह की संस्कृति से गहरा रिश्ता रखने वाले लोगों की जगह सिर्फ व्हाइट लोगों को फिल्म में कास्ट किया गया.



ट्वीट कर रखी मांग


अमेरिकन इंफ्लुएंसर और इंडिजिनस प्राइड लॉस एंजेलिस के को-चेयर ने पब्लिकली फिल्म को बॉयकॉट करने का मुद्दा उठाया है. ट्विटर पर लखते हैं कि अवतार द वे ऑफ वॉटर को ना देखें. नेटिव्स और दूसरे इंडिजिनस ग्रुप्स का साथ दें ताकि इस रेसिस्ट फिल्म को बॉयकॉट किया जा सके.


कल्चर पर बुरा असर


ऐसे में यूजर्स ने कहा कि हमारे कल्चर को गलत तरीके से दिखाया गया है.अब ज्यादा नीले चेहरे नहीं, लाकोटा के लोग बेहद शक्तिशाली थे. वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि अवतार बहुत ही बैकार है, रेसिस्ट, आधे प्लॉट में तो कई कमियां हैं. देखने के लिहाज से ज्यादा ही लंबी है.


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