नई दिल्ली: Boman Irani Bday Special: बोमन ईरानी आज फिल्म इंडस्ट्री का एक जाना माना और सम्मानित शख्सियत बन चुके हैं. उन्होंने अपनी दमदार अदाकारी और बेहतरीन किरदारों से दर्शकों का खूब दिल जीता. हालांकि, इस मुकाम को हासिल करने के लिए बोमन ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने से पहले वेटर के तौर भी काम किया है. उस समय उन्होंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि वह कभी पूरी दुनिया का एक मशहूर नाम बन जाएंगे. बोमन उन कलाकारों में से हैं जिन्होंने बड़ी उम्र में अपना एक्टिंग करियर शुरू किया. वह 42 साल के थे जब उनकी फिल्म रिलीज हुई.


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64वां जन्मदिन मना रहे हैं बोमन ईरानी


2 दिसंबर को बोमन ईरानी अपना 64वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं. एक आम परिवार में जन्में बोमन कभी एक सिंपल मिडिल क्लास परिवार के लोगों जैसी जिंदगी बिता रहे थे. एक दिन उनकी जिंदगी में एक ऐसा पल भी आया जब उन्होंने फिल्मों के ऑफर मिलने लगे. चलिए आज बोमन के जन्मदिन के मौके पर उनकी जिंदगी पर नजर डालते हैं.


कई होटल्स में किया काम


बोमन ने अपने स्ट्रगल के दिनों में कई होटलों में वेटर को तौर पर काम किया है. कहते हैं कि स्कूल से पास होने के बाद वह ताज होटल में वेटर के तौर पर काम करने लगे थे. इसके अलावा उन्होंने एक नामी फ्रेंच रेस्टोरेंट में भी काफी समय तक काम किया. वहीं, कहा जाता है कि बोमन ने सर्विस डिमार्टमेंट में भी करीब एक साल तक काम किया है. उन्होंने खुद एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि वह 1979 में ताज होटल में काम करते थे. तभी उनकी सैलरी लगभग 105 रुपये हुआ करती थी. साथ ही उन्हें थोड़ी-बहुत टिप भी मिल जाया करती थी.


संभाली मां की बेकरी शॉप


मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि बोमन की मां एक वेफर की दुकान चलाया करती थीं. काफी समय तक बोमन ने मां का ये काम भी संभाला. वैसे, होटल और बेकरी शॉप में काम करने के अलावा बोमन एक और काम कर रहे थे. वह लोगों की तस्वीरें क्लिक करने का काम भी करते थे. उनकी लाइफ ऐसे ही स्ट्रगल करते हुए चल रही थी, लेकिन किस्मत उनके लिए कुछ और ही सोच कर बैठी थी और किस्मत के आगे किसी की नहीं चल सकती.


फोटोग्राफर के तौर पर भी किया काम


जब बोमन बतौर फोटोग्राफर काम कर रहे थे तभी एक दिन उनकी मुलाकात मशहूर कोरियोग्राफर श्यामक डावर से हुई. उन्होंने बोमन को देखा और उन्हें एक्टिंग की राह पर उतारने का फैसला कर लिया. उन्होंने एक दिन बोमन को एक थिएटर डायरेक्टर से मिलवाया. इसके बाद बोमन को कई बार थिएटर करने का मौका. ऐसे में उनका रुझान भी एक्टिंग की ओर बढ़ने लगा. उन्हें प्ले करने में मजा आने लगा. ऐसे में धीरे-धीरे बोमन के पास कई फिल्मों के भी ऑफर आने लगे.


 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' से चमकी किस्मत


बोमन ने 2001 में आई इंग्लिश फिल्म 'एवरीबडी सेज़ आई ऐम फाइन' से इंडस्ट्री में कदम रखा. इसी साल उनकी एक और इंग्लिश फिल्म 'लेट्स टॉक' भी रिलीज हुई. हालांकि, अभी सफलता उनसे काफी दूर थी. इसके बाद वह 2003 फिल्म 'डरना जरूरी है' में नजर आए. इस फिल्म में उन्होंने सैफ अली खान के स्क्रीन शेयर की और एक साइको किलर का किरदार निभाया. हालांकि, सफलता उन्हें 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' में डॉक्टर अस्थाना का किरदार निभाकर हासिल हुई. इसके बाद बोमन लगातार कई बड़ी फिल्मों के लिए साइन करते गए.


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