नई दिल्ली: देश की नंबर वन म्यूजिक कंपनी की नींव रखने वाले गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) को कौन नहीं जानता. 80-90 के दशक में उनके भक्ति गानों की धूम हुआ करती थी. आज भी उनके भजन सुबह-सुबह रेडियो या घरों की चारदीवारियों में गूंज उठते हैं. लोगों की जुबां से दिल में जगह बनाने वाले गुलशन कुमार की जिंदगी बेहद दिलचस्प थी. देश में नंबर वन पोजिशन का ये मुकाम उन्होंने अपनी मेहनत से हासिल किया था.


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दिल्ली के दरियागंज में फ्रूट जूस सेलर


दिल्ली के दरियागंज में गुलशन कुमार के पिता फ्रूट जूस बेचा करते थे. हमेशा से उनके अंदर कुछ नया करने का जुनून था. एक दिन अपने परिवार की मदद से एक छोटी सी दुकान ले ली. दुकान में ऑडियो कैसेट बेची जाती थी. गुलशन कुमार ने सुपर कैसेट इंडस्ट्री नाम से ऑडियो कैसेट्स का काम शुरू कर दिया.



सबसे ज्यादा टैक्स भरते थे गुलशन कुमार


आज के समय में तो अक्षय कुमार सबसे ज्यादा टैक्स भरते हैं लेकिन बात करें 1992-93 के दौर की तब गुलशन कुमार का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर था. वो उस दौर में सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले उम्मीदवार थे. वो समय था जब मुंबई पर अबु सलेम और दाउद का राज हुआ करता था. अंडरवर्ल्ड उनपर लगातार पैसे देने का दबाव बना रहा था.



गुलशन कुमार की दर्दनाक मौत


गुलशन कुमार अंडरवर्ल्ड की मांग के आगे बिलकुल झुकने को तैयार नहीं हुए. गुलशन कुमार बेहद धार्मिक इंसान थे. वो नियम से रोज मंदिर जाते. एक दिन जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर वो खड़े थे कि एक शख्स ने उन्हें गोलियों से भून डाला. गुलशन कुमार को 16 गोलियां लगी थीं. मुंबई में वो हमेशा के लिए गहरी नींद में सो गए. उनके हत्यारे को चार साल बाद आजीवन कारावास की सजा हुई. आज भी मां वैष्णो देवी के दरबार में गुलशन कुमार के नाम से भंडारा चलाया जाता है.


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