Devika Rani Death Anniversary Special: भारतीय सिनेमा की पहली फीमेल स्टार कही जाने वाले एक्ट्रेस देविका रानी आज के निधन को कई साल बीच चुके हैं, लेकिन आज भी अक्सर उनसे जुड़े किस्से सुनने को मिलते रहते हैं. देविका रानी ने उस समय जमाने में एक्ट्रेस बनने का फैसला कर लिया था जब महिलाएं अकेले घर से बाहर तक जाने में कतराती थीं. 30 मार्च, 1908 में जन्मीं देविका रानी सिर्फ 9 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए इंग्लैंड चली गई थीं. यही वो जगह थी जहां देविका को एक्टिंग के बारे में पता चला.


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जर्मन सिनेमा से प्रभावित थीं देविका रानी


देविका ने फैसला कर लिया था कि वो एक्टिंग को अपना करियर बनाएंगी. इसके लिए उन्होंने रॉयल अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट से एक्टिंग की पढ़ाई भी की. कहते हैं कि देविका के पिता उनकी के खिलाफ थे, लेकिन उन्होंने परिवार और समाज की हर बंदिश क पार करते हुए आखिरकार फिल्मों में कदम रखा. वह जर्मन सिनेम से बहुत प्रभावित थीं और अपनी एक्टिंग में वह जर्मन एक्ट्रेस और सिंगर मार्लेन डीट्रिक को ही फॉलो करती थीं.


आज तक नहीं टूटा देविका का ये रिकॉर्ड


देविका जब एक्टिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटीं तो उनकी मुलाकात मशहूर फिल्मकार हिमांशु राय से हुई. वह देविका को देखते ही उनकी खूबसूरती पर फिदा हो गए. ऐसे में हिमांशु ने उन्हें वर्ष 1933 में रिलीज हुई फिल्म 'कर्म' देविका को ऑफर की. देविका ने उनके इस ऑफर को स्वीकार कर लिया. इस फिल्म में हिमांशु ने खुद ही देविका के साथ हीरो के तौर पर काम किया. हालांकि, 'कर्म' की वजह से देविका ने देशभर में तहलका मचा दिया. उन्होंने उस समय जमाने में फिल्म में हिमांशु के साथ 4 मिनट लंबा किसिंग सीन दिया थ. आज तक उनके इस रिकॉर्ड को भारतीय सिनेमा में कोई नहीं तोड़ पाया है. इसके बाद फिल्म की इतनी आलोचना हुई कि इसे बैन तक करना पड़ गया.


को-एक्टर संग भाग गई थी देविका रानी


फिल्म पर हुए विवाद के बाद देविका ने हिमांशु से शादी कर ली. हालंकि, 1936 में देविका और हिमांशु की शादीशुदा जिंदगी उस समय बिखर गई जब हिमांशु राय ने फिल्म 'जीवन नैया' पर काम शुरू किया. इस फिल्म में उन्होंने देविका के साथ नजमुल हुसैन को कास्ट किया था, लेकिन एक दिन दोनों ही शूटिंग से कहीं गायब हो गए. बहुत तलाशने के बाद दोनों कोलकाता में मिले. उस समय खुलासा हुआ कि देविका और नजमुल एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं. इसके बाद फिल्म पूरी करने के लिए देविका को वापस लाया गया, लेकिन नजमुल को इस फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.


देविका रानी के इंडस्ट्री को मिले अशोक कुमार


नजमुल के बाद 'जीवन नैया' का हिस्सा बने अशोक कुमार और इसी के साथ देविका रानी के कारण अंजाने में सही भारतीय सिनेमा को अशोक कुमार के रूप में एक बेहतरीन कलाकार मिल गया. इसके बाद देविका फिल्म ‘अछूत कन्या’ में नजर आईं. इस फिल्म में उन्होंने एक दलित लड़की का किरदार निभाया था, जो दर्शकों के बीच इतनी पसंद की गई कि इस फिल्म के कारण उन्हें 'फर्स्ट लेडी ऑफ इंडियन स्क्रीन' की उपाधि दे दी गई.


भारतीय सिनेमा को दिलाया मुकाम


देविका रानी का नाम उन हस्तियों में शुमार है जिन्होंने भारतीय सिनेमा को ऊंचा मुकाम हासिल करवाने में खास भूमिका निभाई. हिंदी सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए देविका को 'ड्रैगन लेडी' का नाम भी दिया गया. भारतीय सिनेमा पर जब भी बात की जाएगी तो उसमें देविका रानी का नाम जरूर शामिल होगा. उन्होंने 9 मार्च, 1994 को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.


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