Kaali Controversy: `काली` से पहले भी कई बार अपमानित हुए हिंदू देवी-देवता, आखिर कब तक उड़ाया जाएगा मजाक?
Kaali Controversy: कई बार ऐसा लगता है कि हिंदू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाना, सनातन धर्म का मजाक बनाना और देवी-देवताओं को गलत तरीके से चित्रित करना नए ट्रेंड का हिस्सा बन गया है. ऐसा करने वालों को लगता है कि ये सब करने से वह काफी कूल लग रहे हैं.
नई दिल्ली: Kaali Controversy: कई बार ऐसा लगता है कि हिंदू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाना, सनातन धर्म का मजाक बनाना और देवी-देवताओं को गलत तरीके से चित्रित करना नए ट्रेंड का हिस्सा बन गया है. ऐसा करने वालों को लगता है कि ये सब करने से वह काफी कूल लग रहे हैं. कई बार बोलने की आजादी के नाम पर, तो कभी धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर या फिर कला की आजादी के नाम पर, अक्सर हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जाता है. आखिर सस्ती पब्लिसिटी के लिए कब तक हिंदू धर्म और देवी देवताओं का अपमान होगा?
धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर कब तक होगा ये सब?
दरअसल, बीते दिनों डायरेक्टर लीना मणिमेकलई (Leena Manimekalai) की अपकमिंग डॉक्यूमेंट्री 'काली' का पोस्टर लॉन्च किया गया है, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ा हुआ है.
इस पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते और एक हाथ में LGBTQ+ कम्युनिटी का झंडा पकड़े देखा जा सकता है. पोस्टर देख हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो गई हैं.
'काली' के पोस्टर को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है
वहीं, #ArrestLeenaManimekalai के जरिए लीना को गिरफ्तार कर सजा देने की मांग भी हो रही है. अब सवाल उठता है कि क्या सरकार लीना की गिरफ्तारी के आदेश देगी.
अगर नहीं, तो फिर एक सवाल और उठता है कि आखिर लोगों में इतनी हिम्मत आती कहां से है? अब यूं ही मेरे मन में एक सवाल आया कि किसी और धर्म के देवता या गुरु होते तो क्या इसी तरह से उनका भी मजाक उड़ाया जा सकता था? यह हिंदू देवी-देवताओं की खिल्ली उड़ाने का पहला मामला नहीं है.
हिंदू धर्म का मजाक उड़ाना नए ट्रेंड का हिस्सा बन गया है
कुछ समय पहले रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसमें रणबीर जूते पहनकर मंदिर की घंटी बजाते हुए नजर आए थे.
ऐसे में दर्शकों ने मेकर्स को ट्रोल किया और धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया. इसके बाद मेकर्स ने लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर कर माफी मांगी.
इससे पहले 22 जून को रणबीर कपूर की ही फिल्म 'शमशेरा' (Shamshera) का टीजर जारी हुआ था. टीजर में संजय दत्त को हिंदू विलेन के तौर पर पेश किया गया था.
टीजर में संजय दत्त को ब्राह्मण की तरह तिलक और चंदन में तो दिखाया गया, लेकिन उनके हाथ में हंटर लोगों को रास नहीं आया. इस पर भी खूब बवाल हुआ, लेकिन कुछ समय बाद ही ये मामला भी खुद-ब-खुद शांत हो गया.
पहले भी इन फिल्मों के जरिए उड़ाया गया है हिंदू धर्म का मजाक
कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी 'पीके', उसमें भी भगवान शिव को जिस तरह बाथरूम में, फिर सड़क और फिर छतों पर दौड़ते चित्रित किया गया था, उसे देखकर भी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची थी.
रुकिए, ये लिस्ट अभी खत्म नहीं हुई. सैफ अली खान की वेब सीरीज 'तांडव' में भी सनातन धर्म का अपमान किया गया. अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इस वेब सीरीज में किरदारों के नाम को एक धर्म विशेष से जोड़कर पेश किया गया था.
उपहास उड़ाने का एक सिलसिला शुरू हो चुका है
इतना ही नहीं, वेब सीरीज 'ए सूटेबल बॉय' पर मंदिर में अश्लील सीन फिल्माने के साथ लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा था. उस समय इस सीरीज को लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध किया था, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा और मामला शांत हो गया.
हाल ही में ज्ञानवापी विवादित ढांचे के वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' का मजाक उड़ाने का एक सिलसिला शुरू हो गया था. तब भी हिंदुओं की तरफ से कोई तीखी प्रतिक्रिया या FIR की बात नहीं आई.
हम लोगों ने खतरनाक चुप्पी ओढ़ रखी है
वहीं, साल 2017 में आई फिल्म सेक्सी दुर्गा के टाइटल को लेकर भी जमकर बवाल हुआ था. बाद में सेंसर बोर्ड ने फिल्म का नाम एस दुर्गा करवा दिया था. रोज सोशल मीडिया, टीवी और अन्य मंचों पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं का जो मजाक उड़ रहा है, उस पर हमने चुप्पी ओढ़ रखी है. ऐसा नहीं है कि हम लोगों को बुरा नहीं लगता है. लगता है... बस हम सोचते हैं कि इसका विरोध कोई और कर देगा. सोचने की बात है कि किसी भी धर्म का मखौल उड़ाने वाले व्यक्ति की भावना क्या होती है? सच तो ये है कि हिंदू धर्म में ही ऐसे कई लोग हैं, जो आपको खुद टारगेट करते हैं.