नई दिल्ली: वैजयंती माला (Vyjayanthimala) साउथ का वो सितारा हैं जिन्होंने दक्षिण भारत से अपने करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी चमक पूरे देश में फैला दी. वैसे तो हेमा मालिनी, श्रीदेवी और रेखा भी साउथ इंडस्ट्री से बॉलीवुड में आईं अदाकारा ही थीं, लेकिन दक्षिण भारत से बॉलीवुड पलायन का ये सिलसिला वैजयंती माला ने शुरू किया था.


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वैजयंती माला की मां भी थीं मशहूर अदाकार


13 अगस्त 1936 को वैजयंती माला का जन्म वर्तमान चेन्नई में हुआ. वो आयंगर ब्राह्मण फैमिली में पैदा हुईं. उनके पिता एमडी रामन और माता वसुंधरा देवी थी. मां वसुंधरा खुद साउथ की टॉप एक्ट्रेस थीं. उनकी ये चाहत थी कि उनकी बेटी भी सिनेमा पर राज करे. छोटी सी वैजयंती माला मां के अरमानों तले जल्द ही हर तरह का नृत्य सीख गईं. चाहे वेस्टर्न हो या क्लासिक वो झूमकर एक्सप्रेशन से भरपूर नृत्य करतीं.



मां ने दिलाया जब पहला ब्रेक


मां वसुंधरा की इंडस्ट्री में अच्छी-खासी पहचान थी. उस दौर के मशहूर डायरेक्टर एम.वी. रामन को जब वैजयंती माला के बारे में पता चला तो उन्होंने तमिल फिल्म 'वाजकई' के लिए उन्हें साइन कर लिया. फिल्म हिट रही और एक्ट्रेस भी हिट. इसी फिल्म का उन्होंने हिंदी वर्जन बनाने का भी सोचा. बस फिर क्या 1951 में वैजयंती माला की 'बहार' फिल्म पर्दे पर आई. फिल्म के गानों ने चारों और धूम मचाना शुरू कर दिया.


'उड़े जब-जब जुल्फें तेरी'


'देवदास', 'नागिन' और 'नया दौर' में  वैजयंती माला ने अपनी एक्टिंग और डांस का खूब कमाल दिखाया. वैजयंती माला को अपनी सभी फिल्मों में से 'नया दौर' सबसे अच्छी लगती है. वो कहती हैं कि उन्हें इस बात की खुशी थी कि उन्होंने इस फिल्म में मधुबाला की जगह ली थी.



उन्होंने सबसे ज्यादा फिल्में दिलीप कुमार के साथ की थीं. वह कहती हैं कि उन्होंने दिलीप कुमार से एक्टिंग के अलावा भी बहुत कुछ सीखा है जैसे अच्छी ऊर्दू और अच्छी भोजपुरी बोलना.


वैजयंती माला का इश्क


कई फिल्मों में साथ काम करने के बाद दिलीप कुमार और वैजयंती माला के बीच नजदीकियां तो बढ़नी ही थीं. वैजयंतीमाला कहती हैं कि उनकी राज कपूर के साथ काम करने की बहुत इच्छा थी. उनकी ये ख्वाहिश फिल्म 'संगम' से पूरी भी हो गई. दिलीप कुमार जहां सीरियस और समझदार शख्स के थे, वहीं राज कपूर थोड़े चंचल स्वभाव के थे. फिर राज कपूर की तरफ वैजयंतीमाला खींचती चली गईं, गजब आकर्षण था उनके अंदर. दोनों के लिए वैजयंती के दिल में एक जैसी मोहब्बत थी. वो दोनों का सम्मान और दोनों से एक जैसा प्यार करती थीं, लेकिन उनकी किस्मत में तो किसी और का ही नाम लिखा था.



1968 में वैजयंती माला की शादी


डॉ. चमन बाली जो राज कपूर के ही फैमिली डॉक्टर थे, वैजयंती माला ने उनसे शादी कर ली. डॉ. चमन बाली पहले से ही शादीशुदा थे उनके तीन बच्चे भी थे. किस्मत को कुछ और ही गवारा था 1986 में वैजयंती माला की मांग सुनी हो गई. एक्टर सुचेंद्र बाली, साउथ के सुपरस्टार उनके बेटे हैं. वैजयंती माला को गोल्फ और डांस का भी बेहद शौक है. दिग्गज अदाकार कहती हैं कि जब तक जिंदा रहूंगी तब तक नाचती रहूंगी और जब तक नाचती रहूंगी तब तक जिंदा रहूंगी.


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