`सेट पर होता था जानवर जैसा बर्ताव`, `पंचायत 3` की एक्ट्रेस का चौंकाने वाला खुलासा
Panchayat actor Sunita Rajwar: फेमस वेब सीरीज `पंचायत` में नजर आने वालीं एक्ट्रेस सुनीता रजवार कई टीवी शोज में नजर आ चुकी हैं. हाल ही में मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने इंडस्ट्री की काली करतूतों का खुलासा किया है जिसे सुन कोई भी हैरान रह जाएगा. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
नई दिल्ली: Panchayat actor Sunita Rajwar: फिल्मों और सीरीज में अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाली एक्ट्रेस सुनीता रजवार इन दिनों पंचायत सीरीज को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. हाल ही में एक्ट्रेस ने मीडिया के साथ बातचीत में अपने करियर के दौरान झेले भेदभाव और गंदे बर्ताव को लेकर खुलकर बात की है. एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे टीवी इंडस्ट्री में छोटे कलाकारों के साथ खराब व्यवहार होता है.
'सेट पर होता था जानवर जैसा बर्ताव'
'पंचायत 3' एक्ट्रेस सुनीता राजवार ने कहा कि टीवी सेट्स पर छोटे आर्टिस्ट के साथ जानवरों जैसा व्यवहार होता है. उन्होंने कहा कि इतना बुरा व्यवहार होता है कि एक वक्त पर उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक ले लिया था. कान से ब्रूट इंडिया के साथ बातचीत में सुनीता राजवार ने बताया कि इंडस्ट्री आमतौर पर एक्टर्स को टाइपकास्ट कर देती है क्योंकि ऐसे में मेकर्स के लिए उन्हें स्लॉट करना आसान होता है. कई बार एक्टर्स इन सब चीजों के लिए मान जाते हैं क्योंकि उन्हें अपनी जीविका चलानी होती है और वो अपने रोल को रिजेक्ट करने का रिस्क नहीं ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह दर्दनाक है लेकिन यह एक सच्चाई है.
बड़े एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होता है भेदभाव
सुनीता राजवार ने बड़े एक्टर्स और सपोर्टिंग एक्टर्स के बीच होने वाले भेदभाव के बारे में बात करते हुए कहा कि बड़े एक्टर्स को सेट पर सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं. वहीं, सपोर्टिंग एक्टर्स को कुछ भी सुविधाएं नहीं मिलती हैं. उन्होंने बताया कि बड़े एक्टर्स को कॉल टाइम उनकी सुविधा के अनुसार मिलता है. उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि बड़े एक्टर्स को महीने के 30 दिन शूट करना होता है. कभी कभी उन्हें हफ्ते के सात दिन और 24 घंटों शूट करना पड़ता है, लेकिन सेट पर होने वाला भेदभाव अपमानजनक होता है.
छोटे आर्टिस्ट को मिलते हैं गंदे कमरे?
उन्होंने कहा कि अगर आपको पता है कि आप किस आर्टिस्ट के साथ शूट कर रहे हैं तो उन्हें बाद में बुला लीजिए. उन्हें बुलाकर बिठाने का क्या फायदा होता है. इस दौरान उन्होंने टीवी सेट पर कंडीशन पर भी बात की. उन्होंने कहा कि लीड एक्टर्स को पैंपर करके रखा जाता है. उनके कमरे साफ-सुधरे होते हैं. उनके कमरे में फ्रिज, माइक्रोवेव तक होते हैं. वहीं, मेरे जैसे सपोर्टिंग एक्टर्स और छोटे कलाकारों को छोटे गंदे कमरे दिए जाते हैं जहां तीन से चार लोग बैठे होते हैं. कमरे की छत गिर रही होती है. बाथरूम भी साफ नहीं होते, बेडशीट गंदी होती है. यह सब देखकर मुझे हमेशा बुरा लगता था. कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़ने का फैसला लिया था. यहां तक की उन्होंने अपना CINTAA कार्ड भी कैंसिल करवा दिया था.
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