`इरफान सर की बहुत याद आती है...`, राधिका मदान को आज भी होता है किस बात का अफसोस?
राधिका मदान ने अपने करियर में अभी से एक से एक शानदार किरदारों को पर्दे पर उतारा है. इसी बीच अब एक्ट्रेस ने दिवंगत एक्टर इरफान खान को लेकर बात की है. उन्होंने बताया है कि आज भी उन्हें किस बात का अफसोस रहता है.
नई दिल्ली: एक्ट्रेस राधिका मदान ने अपने करियर की शुरुआत बेशक टीवी इंडस्ट्री से की थी, लेकिन बड़े पर्दे पर कदम रखते ही राधिका ने खुद को साबित भी कर दिया. फिलहाल राधिका अपनी फिल्म 'सरफिरा' को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. इस फिल्म में उन्हें सुपरस्टार अक्षय कुमार के साथ लीड एक्ट्रेस के तौर पर देखा जा रहा है. इस फिल्म में राधिका के अभिनय को अक्षय ने काफी तारीफ भी की है. इसी बीच अब राधिका ने एक इंटरव्यू में दिवंगत एक्टर इरफान खान को लेकर बात की है.
आज भी होता है राधिका को अफसोस
राधिका ने फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में इरफान खान पहली बार स्क्रीन शेयर की थी. फिल्म में वह इरफान की बेटी के रोल में नजर आई थीं. फिल्म की रिलीज को 4 साल हो गए हैं. अब राधिका ने कहा है कि उन्हें आज भी इस बात का अफसोस होता है कि उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान इरफान खान से ज्यादा बात नहीं की थी. उन्होंने कहा, 'हाल ही में मैं अपने एक दोस्त को ये फिल्म दिखा रही थी, क्योंकि उन्होंने पहले इसे नहीं देखा था.'
फिल्म देखते हुए आया ख्याल
राधिका ने आगे कहा, 'मैं इस फिल्म को देखते हुए यही सोच रही थी कि क्या मैं फिर ऐसी फिल्म कभी कर पाऊंगी. मुझे इरफान सर की याद आ रही थी. मैं बस यही सोच रही थी कि मैंने सेट पर उनसे ज्यादा बातें क्यों नहीं की और उनसे कुछ बातें क्यों नहीं निकलवाईं? मैं सेट पर शांत रहती थी और उन्हें उनका स्पेस देने की कोशिश करती थी. मैं बस अपने रोल पर ध्यान देती रहती थी और उन्हें सिर्फ अपने पिता के रूप में ही देख पाती थी.'
बात करने का नहीं मिला मौका
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मुझे ऐसा लगता था कि फिल्म का काम खत्म होने के बाद मेरे पास बहुत वक्त होगा कि मैं उनके साथ फिल्मों और अपने काम पर चर्चा कर पाऊंगी. हालांकि, वह बहुत सारी चीजों से जूझ रहे थे. मुझसे जब तक बात नहीं की जाती थी, मैं कभी खुद से बात नहीं करती थी.'
2020 में रिलीज हुई थी फिल्म
गौरतलब है कि 2020 में रिलीज हुई 'अंग्रेजी मीडियम' में एक सिंगल पिता और उसकी बेटी की बहुत खूबसूरत कहानी को पर्दे पर उतारा गया है. इस फिल्म के कहानी रिश्तों और विदेश में पढ़ाई की जद्दोजहद के बीच घूमती है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक पिता आर्थिक तौर पर परेशान होने के बावजूद अपनी लाडली के विदेश में पढ़ाई करने के सपने को साकार करता है. फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों का भरपूर प्यार मिला था.
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