नई दिल्ली: हर रस को अपनी एक्टिंग में दिखाने वाले संजय मिश्रा की तारीफ करना उनकी तौहीन होगी. उनकी काबिलियत और हुनर को शब्दों में नहीं आंका जा सकता. उनके जन्मदिन पर आज उनके दिल के बेहद करीब रहे उनके परिवार, परिवेश के बारे में बात करेंगे. ऐसा क्या है जो संजय मिश्रा को 'दी संजय मिश्रा' बनाता है. 'मसान', 'भूल भुलैया 2', 'कड़वी हवा' हर फिल्म में वो जान फूंक देते हैं.


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पिता के थे बेहद करीब


संजय मिश्रा ने एक इंटरव्यू में कमाई को लेकर बताया था कि पापा जो तनख्वाह कमाकर लाते थे हजार रुपए! उससे ज्यादा कोई कमाई आज तक नहीं देखी. अपने भरे पूरे परिवार को छोड़कर संजय मिश्रा को बनारस आना पड़ा. ऐसे में अचानक उनका दर्द छलका और कहते हैं कि हमको स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट सिटीजन चाहिए क्योंकि लोग बनाते हैं शहर को. स्मार्ट सिटीजन होंगे तो स्मार्ट सिटी हम बना ही लेंगे. अगर स्मार्ट सिटी लोगों को बनाएगी तो लोग वैसे ही हो जाएंगे जैसे की आज हिंदुस्तान है अपनी जड़ों से गायब.


बिस्मिल्ला खां के साथ नोक झोंक


नाटी इमली, कबीर चौरा बनारस के संगीत के गढ़ थे. ऐसे में संजय मिश्रा का रूझान लगातार संगीत की तरफ बढ़ रहा था. संजय मिश्रा कहते हैं कि जब भी बिस्मिल्ला खां शहनाई बजाते मैं आगे बैठकर उनके तबला वादकों की नकल करता या यों कह लीजिए की थाप से थाप मिलाता धुन! धुन! धन्न!. साथ में अपने हाथों और गर्दनों को भी जमकर हिलाता. ऐसे में बिस्मिल्ला खां का ध्यान मेरी ओर जरूर जाता.


शहनाई वादक ने रोका


15-16 साल का लड़का आगे बैठकर वाह! वाह! कर रहा है और मुंह से धुन! धुन! तक! धिन! की आवाज भी निकाल रहा है. ऐसे में शहनाई वादक अपनी तान को रोक कर कहते 'ये शंभू का लौंडा है न इसको कहो कि अपना ना बजाए हमारे बजाने वाले गड़बड़ा जाएंगे'. बिस्मिल्ला खां संजय मिश्रा की हरकतों पर कहते कि 'जितना हम बजा नहीं रहे हैं, उससे ज्यादा तो ये समझ रहा है. इसको बोलो रुक जाए.'


संजय मिश्रा की निराशा


संजय मिश्रा कहते हैं कि कुछ था मुझमें तभी तो खां साहब की नजर पड़ती थी. उस वक्त वो धुन! धुन! सुनना बड़ा अच्छा लगता था. एक्टर के मन में शहरीकरण को लेकर थोड़ी निराशा है. उनके अनुसार धीरे-धीरे लोगों ने एक दूसरे को सुनना बंद कर दिया है. कहते हैं कि मुझे सुनना अच्छा लगता है. मुझे कान बहुत अच्छे दिए हैं. संजय मिश्रा को प्रकृति की हलकी-हलकी आवाजें, घंटी की आवाज, चहचहाहट सुनना बहुत पसंद है.


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