नई दिल्ली:Kiss-E-Sanjeev Kumar: संजीव कुमार बचपन से ही अभिनेता बनना चाहते थे.यही वजह रही कि जब उन्होंने रुपहले पर्दे पर काम करने का मौका मिला तो, उन्होंने अपनी सादगी और दमदार एक्टिंग से सबको अपना दीवाना बना लिया. अपने जमाने के दिग्गज अभिनेता संजीव कुमार हर किरदार शिद्दत से निभाते थे. फिल्मी पर्दे पर संजीव को भले ही हर बार अपनी हीरोइन का प्यार  मिल गया हो...लेकिन रियल लाइम उनकी ड्रीम गर्ल उन्हें कभी नहीं मिली. एक नहीं 4 बार दिल लगाने के बाद भी सच्ची मोहब्बत को तरसते रहे एक्टर.


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इन चार एक्ट्रेस पर आया एक्टर का दिल


कहा जाता है कि संजीव कुमार बेहद नेक दिल और पारिवारिक इंसान थे. उनके लिए उनकी मां से बढ़कर कोई नहीं था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजीव की जिंदगी में 4 हसीनाएं नूतन, सायरा बानो, शबाना आजमी और हेमा मालनी आईं. इन सभी से संजीव का दिल का रिश्ता रहा, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. एक्टर की मां नहीं चाहती थी कि संजीव मुस्लिम लड़की से शादी करें, इसलिए सायरा और शबाना से वे दूर हो गए. वहीं नूतन संग भी उनका रिश्ता ज्यादा दिन नहीं टिका.


जब हेमा मालनी से कही दिल की बात


संजीव कुमार की लाखों लड़कियां दीवानी थी. लेकिन एक्टर का दिल ड्रीम गर्ल हेमा मालनी के लिए धड़कता था. फिल्म सीता और गीता की शूटिंग के दौरान एक्टर को पहली नजर में हेमा मालनी से प्यार हो गया था. संजीव कुमार कई बार कोशिश के बाद एक्ट्रेस को अपने दिल की बात बताई और प्रपोज किया. लेकिन हेमा ने उनका प्रपोजल ठुकरा दिया. जिसके बाद संजीव का दिल ऐसा टूट कि उन्होंने ताउम्र शादी नहीं की.


मौत का हो गया था आभास


बता दें कि संजीव कुमार ने पहले ही कह दिया की वह 50 साल भी पुरे नहीं कर पाएंगे और उनकी मौत हो जाएगी और ये बात सच भी हुई. दरअसल एक इंटरव्यू में संजीव कुमार पूछा गया था कि वह इतनी कम उम्र में बूढ़े किरदार क्यों निभाते हैं.तब एक्टर ने बताया था कि वह रियल लाइफ में कभी बूढ़े नहीं हो पाएंगे, तो वह फिल्मों के किरदार के जरिए बुढ़ापा जीना चाहते थे. उनके फैमली में 50 साल से ऊपर को मर्द नहीं जीता है. वहीं हुआ भी...अपने पिता, भाई की तरह उनकी भी 47 साल में हर्ट अटैक से मौत हो गई थी. 


इस फिल्म से किया था डेब्यू


गुजरात के सूरत में जन्मे संजीव कुमार ने बचपन से ही अभिनेता बनने का सपना देखा था. वह गुजराती परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन संजीव के जन्म के सात साल बाद ही उनका परिवार मुंबई आकर रहने लगा था. इसके बाद से संजीव को एक्टर बनने का जुनून सवार हो गया. उन्होंने 1960 में फिल्म हम हिंदुस्तानी से रुपहले पर्दे पर कदम रखा और हर तरफ छा गए.


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