नई दिल्ली: SC On Yash Raj Films Petition: साल 2017 में यश राज फिल्म्स के बैनर से निकली फिल्म फैन को लेकर अब निर्माताओं को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है.  कोर्ट का मानना है कि ट्रेलर में दिखाया गया सीन फिल्म में न रखना उपभोक्ता संरक्षण कानून का उल्लंघन नहीं माना जाएगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला यशराज फिल्म्स द्वारा दी गई याचिका पर दिया है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और अरविंद कुमार की पीठ ने कानूनी मुद्दों की जांच की कि क्या प्रमोशन से कस्टमर और सर्विस प्रोवाइडर के बीच संबंध बनेगा और क्या प्रमोशनल से कंटेंट हटाने से किसी को मुआवजे का अधिकार मिल जाएगा.


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यशराज फिल्म ने एनसीडीआरसी के फैसले को दी थी चुनौती


बता दें कि ये मामला साल 2017 में शाहरुख खान की आई फिल्म फैन से जुड़ा हुआ है. यशराज फिल्म्स ने साल 2021 में आए राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. उपभोक्ता आयोग ने यशराज फिल्म्स को आदेश दिया था कि वह फिल्म 'फैन' में 'जबरा फैन' गाने को न रखने के लिए एक दर्शक को 15000 रुपए मुआवजा दे. औरंगाबाद की आफरीन जैदी ट्रेलर में इसी गाने को देख कर सपरिवार फिल्म देखने गई थीं. लेकिन फिल्म में गाना नहीं था. 


SC ने 2021 में एनसीडीआरसी के फैसले पर लगाई थी रोक


बता दें कि शीर्ष अदालत ने सितंबर 2021 में एनसीडीआरसी के फैसले को चुनौती देने वाली यशराज फिल्म्स की अपील पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और शिकायतकर्ता जो पेशे से एक शिक्षक है को नोटिस जारी करते हुए आयोग के आदेश पर रोक लगा दी थी. शिकायत तब सामने आई थी जब उपभोक्ता आफरीन फातिमा जैदी ने "जबरा फैन" गाने के प्रोमो देखने के बाद अपने परिवार के साथ फिल्म "फैन" देखी, लेकिन फिल्म देखने के बाद उसे पता चला की मूवी में यह गाना नहीं था.


शिकायतकर्ता ने क्या मांग की थी


जैदी ने मुआवजे के साथ फिल्म में गाना ना होने को लेकर एक डिसक्लेमर के साथ प्रोमो टेलीकास्ट करने की मांग की थी. वहीं प्रोडक्शन हाउस ने तर्क दिया कि जैदी कंज्यूमर नहीं थी और फिल्म की रिलीज से पहले मूवी में गाने के ना होने के बारे में सार्वजनिक रूप से खुलासा किया गया था. बता दें कि जिला उपभोक्ता फोरम ने जैदी की याचिका खारिज कर दी थी हालांकि  महाराष्ट्र उपभोक्ता आयोग ने 2017 में जैदी के पक्ष में फैसला सुनाया और  यश राज फिल्म्स को शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये के साथ-साथ मुकदमेबाजी लागत के लिए 5,000 रुपये की प्रतिपूर्ति करने का आदेश दिया था.


क्या था एनसीडीआर फैसला? 


वहीं इस आदेश के खिलाफ एनसीडीआरसी  ने एक पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया था. अपने 2020 के फैसले में, एनसीडीआरसी ने माना था कि टीवी चैनलों पर व्यापक रूप से दिखाई जाने वाली फिल्म के प्रोमो में एक गाना शामिल करना, लेकिन फिल्म का प्रदर्शन करते समय उस गाने को बाहर करना एक अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है. इसके अलावा, एनसीडीआरसी ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि गाने को ट्रेलर में क्यों शामिल किया गया था, लेकिन फिल्म में नहीं ये दर्शकों से धोखा है.


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