Article 370 Review: धारा-370 का सच पर्दे पर लाने में सफल रही यामी गौतम की फिल्म `आर्टिकल 370`
Article 370 Review: `आर्टिकल 370` पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म है जिसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले और बाद के घटनाक्रमों के साथ इसे हटाने की जरूरत को दिखाया गया है. फिल्म में Yami Gautam ने आइबी अधिकारी की भूमिका निभाई है.
फिल्म : आर्टिकल 370
कलाकार : यामी गौतम धर, अरुण गोविल, प्रियामणि
निर्देशक : आदित्य सुहास जंभाले
रेटिंग : ***
नई दिल्ली: Article 370 Review: 'आर्टिकल 370' के निरस्त होने से पहले दशकों तक कश्मीर के लोगों की हालत पर किसी की नजर नहीं गई. केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को विवादास्पद संवैधानिक प्रावधान को निरस्त कर दिया था. 'आर्टिकल 370' हटाया गया, इसकी तो जानकारी सभी को है, लेकिन इसके पीछे क्या तैयारियां रहीं, इसके बारे में देश की जनता को पता नहीं है.
घाटी में घमासान से शुरू होती है कहानी
निर्देशक आदित्य सुहास जंभाले की 'आर्टिकल 370' इसी पर आधारित है. इसमें एक्ट्रेस यामी गौतम धर मुख्य भूमिका में हैं. निर्देशक आदित्य सुहास जंभाले की ढाई घंटे लंबी फिल्म हमें घाटी में होने वाली हिंसा और अशांति के बारे में पूरी जानकारी देती है, जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई. फिल्म का लगभग आधा हिस्सा उग्रवाद और शांति को बाधित करने वाले चरमपंथियों और अलगाववादियों की भूमिका पर केंद्रित है. जंभाले की अच्छी तरह से तैयार की गई कहानी में काल्पनिक पात्रों सहित कई काल्पनिक चीजें दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. हममें से जो लोग संविधान और उसके इतिहास के बारे में बहुत कम जानते हैं, उन्हें इससे काफी जानकारी मिलेगी. साथ ही वह राजनीतिक इतिहास और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति पर ध्यान देंगे.
यामी गौतम का बेबाक अंदाज है हाईलाइट
इंटेलिजेंस एजेंट जूनी हक्सर (यामी गौतम) कश्मीरी हैं और नौकरशाह राजेश्वरी स्वामीनाथन (प्रिया मणि) के साथ मिलकर काम करती हैं. उनके मिशन में उन्हें किसी और का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री (अरुण गोविल) और गृह मंत्री (किरण करमरकर) का समर्थन प्राप्त है. जूनी हक्सर एक खुफिया मिशन पर होती हैं. वह अपने सीनियर खावर (अर्जुन राज) की परमिशन के बगैर आतंकी कमांडर बुरहान वानी का एनकाउंटर कर देती हैं. उसके बाद कश्मीर में हिंसा और अस्थिरता फैल जाती है.
इतिहास में हुई भूल की सुधार पर बनी जरुरी फिल्म
इस बवाल का ठीकरा जूनी के सिर पर फोड़ा जाता है. उसे कश्मीर और उसकी स्पेशल इंटेलिजेंस की ड्यूटी से हटाकर दिल्ली में ट्रांसफर कर दिया जाता है. वह 'आर्टिकल 370' को निरस्त करने की नींव रखने के लिए एक जबरदस्त ताकत साबित होती हैं. फिल्म में कई इतिहास में हुई चीजों को भी दिखाया गया है, जिनमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले एक महत्वपूर्ण खंड की उपधारा को खत्म करना भी शामिल है. फिल्म में 'आर्टिकल-370' को हटाने की पॉलिटिकल तैयारी से लेकर कश्मीर में भ्रष्ट नेता और अलगाववादियों का सामना कर घाटी की तस्वीर भी दिखाई गई है. फिल्म में कश्मीरी पंडितों के पलायन, पथराव की घटनाएं, हत्याएं, पाकिस्तान से आतंकवादियों की मिलीभगत आदि कुछ घटनाओं पर भी प्रकाश डाला गया है. फिल्म में अरुण गोविल पीएम नरेंद्र मोदी और किरण कर्माकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं.
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