Shilpa Shetty दुनिया में आने से पहले दुनिया से विदा हो सकती थीं मां के पेट में
खुद बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने ही बताया कि ब्लीडिंग होने की वजह से मां के पेट में ही मर सकती थी मैं..
नई दिल्ली. इस अजीब सी डरावनी याद के बारे में बताती हैं शिल्पा शेट्टी. दरअसल अपनी ये दिल को छू लेने वाली मिसाल दे कर वे इसी बहाने महिलाओं को उनके जीवन से जुडी एक बहुत महत्वपूर्ण सुरक्षा के बारे में जानकारी दे रही हैं. शिल्पा ने अपना उदाहरण दे कर बताया कि किस तरह से गर्भावस्था में रक्तस्राव से बचा जा सकता है.
मां के लिए पीड़ादायक था अनुभव
अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने बताया कि उनका जन्म उनकी मां के लिए एक पीड़ादायी अनुभव था. शिल्पा ने अपनी मां सुनंदा शेट्टी के गर्भावस्था के अनुभव की पूरी कहानी सुनाई जो बहुत अचम्भित करने वाली है. शिल्पा द्वारा बताया गया उनका अपना अनुभव दुनिया की प्रत्येक उस महिला को जानना चाहिए जो गर्भावस्था के दौर से गुजर रही है और रक्तस्राव की समस्या से जूझ रही है.
नौ महीने सुंदर भी और पीड़ादायी भी
जन्म देना ईश्वरीय सृजन का गुण है जो पुरुषों के भाग में नहीं आया इसलिए न वे जन्म देने के आल्हाद को समझ सकते हैं न जन्म देने की प्रक्रिया में होने वाले कष्टों और पीड़ा की कल्पना कर सकते हैं. अपने शरीर के भीतर एक अन्य शरीर को पालना आसान नहीं है और नौ माह का यही समय गर्भावस्था का अत्यंत महत्वपूर्ण दौर होता है किसी भी विवाहिता महिला के लिए. बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने भी बताया कि जब वो अपनी मां के पेट में थीं तो उनकी मां को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
''मैं सामान्य शिशु नहीं थी''
शिल्पा ने अपने जीवन के इस अविस्मरणीय अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि - ''डॉक्टरों ने मेरी मां को साफ़ कह दिया था कि उनका होने वाला शिशु दिन की रोशनी नहीं देख पाएगा''. इतनी डरावनी बात के साथ डॉक्टरों ने ये भी कहा था कि -''यदि आपका बच्चा जी भी गया तो वह एक सामान्य शिशु की भाँती नहीं जियेगा.'' शिल्पा बताती हैं कि मेरे जन्म के उन नौ माह के दौरान उनकी मां को लगातार छह माह तक रक्तस्राव होता रहा था.
इस तरह रोकें रक्तस्राव
गर्भावस्था के दौरान होने वाले रक्तस्राव को रोकने को लेकर शिल्पा कहती हैं कि ब्लीडिंग को रोकने के लिए खुद कुछ करना ठीक नहीं है, इसके स्थान पर डॉक्टर से परामर्श लेना ही सही विकल्प है. महिलायें रक्तस्राव रोकने के लिए अपनी तरफ से कुछ कोशिशें कर सकती हैं जैसे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, ताजा आहार लें, पर्याप्त पानी पियें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, तनाव से बचें और नींद पूरी लें, आदि.
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