नई दिल्ली.  8 जून को दिशा सालियान की हत्या हुई और उसी दिन मुंबई की पुलिस ने अज्ञात ऊंचे दर्जे के अपराधियों को बचाने के लिये अपने ईमान की बलि चढ़ा दी. उस दिन अपनेआप को स्काटलैन्ड यार्ड कह कर अपनी पीठ थपथपाने वाली मुंबई पुलिस का गंदा चेहरा सामने नहीं आ पाया जो दो माह बाद आठ अगस्त को बेनकाब हो गया. 


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प्रथम दृष्ट्या हत्या के मामले को आत्महत्या कहा


अब मुंबई पुलिस को अदालत में बुला कर उस पर मुकदमा चला कर पूछा जाना चाहिये कि ऐसा क्यों किया ऐसा करके किसको बचाने की कोशिश की मुंबई पुलिस ने. एक निर्वस्त्र महिला का शव मिलने पर सारी दुनिया की किसी भी पुलिस द्वारा उसे आत्महत्या नहीं कहा जा सकता - उसे हत्या का प्रकरण मान कर उसकी जांच की जाती है. मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या कह कर फाइल बंद कर दी और देश ने इसे सच मान भी लिया. 


प्रॉपर प्रोसीजर फॉलो नहीं किया 


दिशा सालियान हत्या के मामले में मुंबई पुलिस का भ्रष्टाचार और उसकी संवेदनहीनता - दोनो ही घृणित चेहरों का परिचय मिला. दिशा सालियान मामले में मुंबई पुलिस को फाइल बंद करने में कामयाबी मिल गई थी किन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट, सुशांत और दिशा के कॉल डीटेल्स, सुशांत के द्वारा प्रेसकान्फ्रेन्स की योजना जैसी कई बातों ने दिशा हत्या के मामले को खोल डाला और साथ में खुल गई मुंबई पुलिस की सारी कलई.  मुंबई पुलिस ने किसी भी संदेहास्पद मौत या हत्या के मामले में किये जाने वाले प्रॉपर प्रोसीजर को फॉलो नहीं किया.



 


फटाफट काम पूरा कर लिया 'सफाई' का


मुंबई पुलिस इतनी जल्दी में थी कि जो पोस्ट मोर्टेम रिपोर्ट चार से पांच घंटों में आती है उसे एक घंटे में तैयार करवा लिया गया. मुंबई पुलिस ने न किसी से कोई पूछताछ की न ही कोई संदेह ज़ाहिर किया और एक निर्वस्त्र महिला के शव को आत्महत्या कह कर फ़ाइल बंद करने और अपराधियों को बचाने की कोशिश का आपराधिक कृत्य किया. 


55 दिन छुपाई गई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 


पचपन दिन क्यों छुपाई गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट - इसका क्या जवाब है मुंबई पुलिस के पास? क्या पुलिस इस बात के लिए आश्वस्त थी कि चूंकि मुंबई पुलिस ने आत्महत्या कह कर दिशा की फ़ाइल बंद कर दी थी इसलिए कोई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की न बात करेगा न ही कोई उसकी मांग करेगा? 


फाइलें डिलीट कर दी 


हद कर दी आपने ! भारत की सबसे भ्रष्ट पुलिस ने अर्थात मुंबई पुलिस ने दिशा सालियान की हत्या से जुड़े हर सबूत को मिटाने का आपराधिक कृत्य किया है जिसके लिए उसे अवश्य ही कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. यह बेशर्मी की पराकाष्ठा थी कि मुंबई पुलिस ने दिशा की हत्या से जुड़े हर सबूत को जो उसकी हत्या से जुड़े तथ्यों की फाइलों में नज़र आ रहे थे - को कम्प्यूटर से ही डिलीट कर दिया. देश की इस सबसे शातिर पुलिस ने कम्प्यूटर से फ़ाइल डिलीट करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा कि उसे दुबारा से रिट्राइव न किया जा सके इसलिए अंदर से जा कर भी उसको डिलीट कर दिया - डबल डिलीट किया सबूतों को. 


जांच को क्वारंटाइन किया विनय तिवारी के साथ 


मुंबई में बिहार पुलिस के टॉप कॉप विनय तिवारी को बड़ी बदतमीजी के साथ आधी रात को दबाव में लेकर क्वारंटाइन करनेे के बहाने हाउस अरेस्ट कर दिया मुंबई पुलिस ने. सारा देश देखता रह गया. अब इन सब बातों के साफ होने के बाद मुंबई पुलिस को देश की सबसे बेईमान पुलिस कहा जाए या सबसे शातिर पुलिस या सबसे भ्रष्ट पुलिस या सबसे संवेदनहीन पुलिस - ये तो अब देश ही तय करेगा और अगर ये बात अदालत में तय की जाए तो और भी अच्छा.


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