नई दिल्लीः बॉलीवुड के लिए यह साल बेहद ही दुखभरा है. एक-एक करके दिग्गज कलाकार-फनकार, निर्माता-निर्देशक, गायक इस दुनिया को छोड़कर जा रहे हैं. इस कड़ूी में एक और नाम भानु अथैया  (Costume designer Bhanu Athaiya) का शामिल हो गया है.


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ऑस्कर जीतकर भारत का नाम रौशन करने वाली भानु अथैया  (Costume designer Bhanu Athaiya) नहीं रहीं. गुरुवार मशहूर कॉस्ट्यूम डिजाइनर का निधन हो गया. वह 91 साल की थीं. उन्हें गांधी फिल्म के लिए 1983 में ऑस्कर (Oscar winner)  में बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर अवार्ड  (Oscar winner)  से सम्मानित किया गया था. 



शाहरुख की फिल्म स्वदेस में था उनका आखिरी काम
जानकारी के मुताबिक, भानु अथैया की बेटी ने उनके निधन की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि उनकी मां का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.  8 साल पहले उन्हें ब्रेन ट्यूमर डाइग्नोस हुआ था. पिछले 3 साल से वे बिस्तर पर ही थीं. भानु के शरीर का एक हिस्सा पैरालाइज हो गया था. 



 भानु अथैया ने भारत के लिए पहला अकादमी और ऑस्कर अवॉर्ड जीता था. वह अपने पीछे भारतीय कॉस्ट्यूम डिजाइन की बहुत बड़ी विरासत छोड़कर गई हैं.


गुरुदत्त से मिला पहला काम
भानु का जन्म कोल्हापुर में हुआ था और उन्हें करियर का पहला काम गुरु दत्त के साथ 1956 में सीआईडी फिल्म के जरिए मिला था. जबकि आखिरी बार आमिर की फिल्म लगान और शाहरुख की फिल्म स्वदेस के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किए थे.  भानु ने कॉस्टयूम डिजाइनर के तौर पर 100 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया था.


2012 में लौटा दिया था ऑस्कर
रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी के लिए जॉन मोलो के साथ उन्हें संयुक्त रूप से ऑस्कर मिला था. लेकिन 2012 में भानु ने यह अवॉर्ड एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस को वापस कर दिया था. इसके पीछे वजह उसकी सुरक्षा थी. 5 दशक के अपने फिल्मी करियर में भानु ने दो नेशनल अवॉर्ड्स भी जीते थे. पहला गुलजार की फिल्म लेकिन के लिए 1990 में और दूसरा लगान के लिए 2001 में.


 


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