नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें स्पाइसजेट एयरलाइन को उसके विमानों के परिचालन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था. याचिका में एयरलाइन पर पेशेवर और सुरक्षा दायित्वों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.


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याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने क्या कहा?


मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने वकील राहुल भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत एक जनहित याचिका और प्रेस में आय खबर के आधार पर एयरलाइन के संचालन पर रोक नहीं लगा सकती है.


पीठ ने भी कहा कि कानून में विमानन उद्योग के लिए एक 'मजबूत तंत्र' प्रदान किया गया है. अदालत नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के रुख को दर्ज किया है कि उसने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और वर्तमान मामले में उल्लिखित घटनाओं के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


कर्मचारियों को भुगतान नहीं किए जाने का मामला


याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाल के दिनों में स्पाइसजेट के विमानों के 'लैंडिंग' संबंधी, यात्रियों के सामान के बिना विमान के उड़ान भरने और कर्मचारियों को भुगतान नहीं किए जाने के मामले सामने आए हैं.


अदालत ने कहा कि 'डीजीसीए इस पर काम कर रहा है' और याचिकाकर्ता द्वारा अनुरोध की गई राहत देने का कोई कारण नहीं है. पीठ ने कहा, 'अदालत जनहित याचिका और प्रेस रिपोर्ट के आधार पर किसी विशेष एयरलाइन को देश में परिचालन करने से नहीं रोक सकती है.'


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