नई दिल्ली: देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने से एक दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और ई कमेटी चैयरमेन जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ ने एक अहम फैसला लिया है. जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की ई कमेटी ने एक 3 सदस्य कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की एक समान व्याख्या या एक समान साइटेशन विकसित और उसे लागू करने में महत्वपूर्ण प्रणाली तैयार करेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कौन होगा कमेटी में
इस तीन सदस्य कमेटी में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शकधर, कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस सूरज गोविंदराज और केरल हाईकोर्ट के जस्टिस राजा विजयराघवन शामिल किए गए है. 


जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ 30 जुलाई 2020 से ही सुप्रीम कोर्ट ई कमेटी के चेयरमैन हैं. जस्टिस चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में ही ई कमेटी ने कोविड कॉल के दौरान कई फैसले लेकर देश की अदालतों का डिजिटाइजेशन करने में अहम भूमिका निभाई है.


क्यों पड़ी कमेटी की जरूरत
पिछले कुछ समय में पॉक्सो के मामलों सहित कई आपराधिक मामलों से लेकर अलग-अलग प्रकृति के सुप्रीम कोर्ट के फैसलो की व्याख्या को लेकर विभिन्न हाईकोर्ट के फैसलों पर सवाल खड़े होते रहे हैं. देश की न्यायपालिका में न्यायाधीशों की बढ़ती तादाद के चलते फैसलों में विभिन्नता एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन यही विभिन्नता कई बार पक्षकारों और आम जनता के बीच संशय भी पैदा करती है. इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ई कमेटी ने ये महत्वपूर्ण फैसला लिया है.


क्या होगी जिम्मेदारी
कमेटी को एक स्वतंत्र साइटेशन सिस्टम विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए ये कमेटी देशभर से सभी पक्षों से जल्द ही सुझाव और विचार आमंत्रित करेगी.


गौरतलब है है कि केरल हाईकोर्ट ने देश में एक नया उदाहरण पेश करते हुए वर्ष से 1949 से पारित अपने सभी निर्णयों और आदेशों के लिए एक बेहतरीन तटस्थ साइटेशन प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए सभी निर्णयों के लिए एक तटस्थ साइटेशन प्रणाली को अपनाया है.


दिल्ली और केरल हाईकोर्ट में इन नए आयामों के अनुभवी जजों को ई कमेटी ने इस नए पैनल में शामिल किया है. दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव शकधर और केरल हाईकोर्ट के जस्टिस राजा विजयराघवन की इन फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट भी जस्टिस सूरज गोविंदराज के सुझावों से कई नए प्रयास हो रहे हैं.


जस्टिस लाहौटी ने किया था ई कमेटी का गठन
देश की न्यायपालिका में नई तकनीकों को अपनाकर न्यायिक क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता, अदालतों में आईसीटी को लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ई कमेटी का गठन किया गया था. देश के पूर्व सीजेआई जस्टिस आर सी लाहोटी ने इस कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा था.


ई कमेटी को देश की न्यायपालिका को डिजिटल युग और नई तकनीक के साथ खुद तैयार करने के लिए स्थापित किया गया था. देश के मुख्य न्यायाधीश इस कमेटी के संरक्षक होते हैं. अध्यक्ष के रूप में सीनियर मोस्ट जज होते हैं.


वर्तमान ई कमेटी का गठन 30 जुलाई 2020 को किया गया था. इस कमेटी के संरक्षक सीजेआई यूयू ललित और चेयरमैन जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ हैं. कमेटी के वाइस चेयरमैन के पद पर बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर सी चावन हैं. कमेटी के 5 मुख्य सदस्यों में तकनीकी और प्रोजेक्ट से जुड़े सदस्यों के साथ 12 आमंत्रित सदस्य भी हैं. देश के अटॉर्नी जनरल, एसजी, सीनियर एडवोकेट, बीसीआई, जनरल सेक्रेटरी, लॉ मिनिस्ट्री, आईटी सहित कई विभागों के अधिकारी भी आमंत्रित सदस्य में शामिल होते हैं. 


इसे भी पढ़ें- मैंने वादे पूरे करने की कोशिश की, अंतिम दिन बोले CJI यूयू ललित


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.