नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने आगामी जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जाति आधारित जनगणना के निर्देश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है.


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सरकार को नोटिस जारी कर कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) की पीठ ने केंद्र, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा. इसने इस मामले को अपने समक्ष लंबित इसी तरह के एक अन्य मामले के साथ संलग्न कर दिया.


याचिका में जाति आधारित जनगणना की मांग
शीर्ष अदालत अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि जाति आधारित सर्वेक्षण और जाति आधारित जनगणना की कमी के कारण सरकारें पिछड़े वर्गों के सभी तबकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को साझा करने में असमर्थ हैं.


याचिका में कहा गया है कि ठोस आंकड़ों के अभाव में ठोस नीतियां नहीं बनाई जा सकतीं, इसलिए ओबीसी के लिए जाति आधारित जनगणना की अत्यंत आवश्यकता है.
(इनपुट: भाषा)


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