कोच्चि: यौन शोषण के दो मामलों में एक आरोपी को जमानत देते हुए विवादास्पद टिप्पणी करने वाले कोझिकोड जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस कृष्णकुमार का स्थानांतरण कर उन्हें कोल्लम की श्रम अदालत का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है मामला
केरल उच्च न्यायालय की ओर से जारी स्थानांतरण आदेश के अनुसार, मंजरी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुरली कृष्ण एस, कोझिकोड के नए जिला एवं सत्र न्यायाधीश होंगे. उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को जारी स्थानांतरण और पदस्थापन आदेश में दो अन्य न्यायाधीशों का भी स्थानांतरण किया गया है. यौन शोषण के दो मामलों में आरोपी सिविक चंद्रन की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर पीड़िताओं के संबंध में कृष्ण कुमार की ओर से की गई टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया था. 


चंद्रन एक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उन पर एक दलित महिला के यौन शोषण का आरोप है. सत्र अदालत द्वारा चंद्रन को दी गई अग्रिम जमानत खारिज करने का अनुरोध करते हुए केरल सरकार ने उच्च न्यायालय का रुख किया है. सरकार ने दलील दी है कि निचली अदालत का फैसला अवैध और त्रुटिपूर्ण है तथा उच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. 


क्या कहा था जज ने
मामले में चंद्रन को जमानत देते हुए दो अगस्त को सुनाए फैसले में, न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने कहा था कि आरोपी एक सुधारवादी कार्यकर्ता है और जातिप्रथा का विरोधी है इसलिए यह मानना कठिन है कि उसने अनुसूचित जाति से संबद्ध पीड़िता का यौन शोषण किया होगा. चंद्रन के विरुद्ध यौन शोषण के एक अन्य मामले में भी जमानत देते हुए न्यायाधीश ने पीड़िता के कपड़ों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने टिप्पणी की थी, पीड़िता ने उकसाने वाले कपड़े पहने थे, ऐसे केस में प्रथम दृष्णया यौन शोषण का मामला नहीं बनता है.

इसे भी पढ़ें-  कौन हैं आरजेडी नेता सुनील सिंह और अशफाक करीम, इनके घरों पर सीबीआई-ईडी ने डाली रेड

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.