नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव के मामले पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. पीठ मामले में 27 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी. पीठ पहले ही मामले के निपटान तक अधिसूचना पर रोक लगा चुकी है. 


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जनहित याचिकाओं पर शनिवार को सुनवाई पूरी
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे को लेकर राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर शनिवार को सुनवाई पूरी की.


याचिकाकर्ताओं के अधिवक्‍ता एलपी मिश्रा ने अदालत को विस्तार से मामले की जानकारी दी और उसके बाद अपर मुख्य स्थायी अधिवक्‍ता अमिताभ राय ने राज्य सरकार की ओर से मामले में लंबी बहस की.


'रैपिड सर्वे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले जितना ही बेहतर'
अमिताभ राय ने कहा कि रैपिड सर्वे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले जितना ही बेहतर है. पीठ प्रथम दृष्टया राज्य सरकार के तर्कों से सहमत नहीं दिखी. पीठ अब मामले में 27 दिसंबर को फैसला सुनाएगी.


मामले में याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार को इस राज्य में ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन करने संबंधी ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला अपनाना चाहिए और इसके बाद ही आरक्षण तय करना चाहिए.
(इनपुट: भाषा)


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