कौन हैं जस्टिस संजय किशन कौल, जो बने सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस संजय किशन कौल को सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. नालसा की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी के बाद उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस संजय किशन कौल को सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. नालसा की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी के बाद उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
नालसा के सदस्य सचिव अशोक जैन की ओर से जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जस्टिस कौल सुप्रीम कोर्ट की विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष नामांकित हैं.
श्रीनगर में हुआ था जस्टिस कौल का जन्म
26 दिसंबर 1958 को जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जन्मे जस्टिस संजय किशन कौल कश्मीरी हिंदू ब्राह्मण दत्तात्रेय कौल परिवार से हैं. जस्टिस कौल के परदादा महाराजा सूरज किशन कौल जम्मू और कश्मीर रियासत की रीजेंसी काउंसिल में राजस्व मंत्री थे. उनके परदादा सर दया किशन कौल एक राजनेता थे, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर राज्य के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया. उनके दादा राजा उपिंदर किशन कौल भी देश की सार्वजनिक सेवा में रहे हैं.
कश्मीरी परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस कौल की अधिकतर शिक्षा दिल्ली से हुई. मॉडर्न स्कूल नई दिल्ली, सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन और दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल कर 1982 में उन्होंने एलएलबी किया.
2001 में दिल्ली हाई कोर्ट में बने जज
रंगमंच, संगीत, गोल्फ और पढ़ने के शौकीन जस्टिस कौल ने एक वकील के रूप में दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है. जहां उन्हें 3 मई 2001 को दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया, सितंबर 2012 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में एक्टिंग सीजे नियुक्त किया गया.
बाद में उन्हें जून 2013 में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. 26 जुलाई 2014 को उन्हें मद्रास हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. जहां से उन्हें पदोन्नत करते हुए 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया.
ये रहे जस्टिस कौल के महत्वपूर्ण फैसले
जस्टिस संजय किशन कौल सुप्रीम कोर्ट की उस 9 सदस्यीय संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे, जिसने निजता के मौलिक अधिकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. जस्टिस संजय किशन कौल ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज में रूप में 2008 में बहुचर्चित फैसला सुनाया था, जिसमें जस्टिस कौल ने एम एफ हुसैन के खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर दिया था कि हुसैन ने अपनी पेंटिंग के जरिए भारत माता का अपमान किया.
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