नई दिल्लीः गुरुग्राम में प्रॉपर्टी खरीदारों ने "मॉन्सेला" परियोजना के डेवलपर्स, एम/एस विपुल लिमिटेड और एम/एस ट्यूलिप इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. खरीदारों का आरोप है कि डेवलपर्स ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण उन्हें गंभीर वित्तीय और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


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"आरोहण मिक्स्ड लैंड यूज प्रोजेक्ट" के नाम से भी जानी जाने वाली इस परियोजना में खरीददारों का कहना है कि डेवलपर्स ने अक्टूबर 2021 को हुए ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (JDA) की शर्तों का पालन नहीं किया. समझौते के अनुसार, ट्यूलिप इन्फ्राटेक को 36 महीनों में निर्माण कार्य पूरा करना था, जिसमें 12 महीनों की अतिरिक्त अवधि दी गई थी. लेकिन आज तक वाणिज्यिक टॉवर का निर्माण शुरू नहीं हुआ है, जिससे खरीदारों में भारी निराशा है.


इसके अलावा, विपुल लिमिटेड ने मार्च 2019 से खरीदारों को दिए जाने वाले आश्वासन भुगतान (Assured Returns) भी नहीं दिए हैं. भुगतान में देरी और निर्माण में देरी के कारण खरीदारों पर वित्तीय बोझ बढ़ता जा रहा है.


खरीदारों का आरोप है कि डेवलपर्स ने अवैध रूप से धन संग्रह किया और इसे गलत तरीके से उपयोग किया, जिससे उनके उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. खरीदारों ने हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से डेवलपर्स के लाइसेंस को निलंबित करने और इस मामले की गहन जांच की मांग की है.


इस स्थिति ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, और खरीदारों की मांग है कि मजबूत नियामक तंत्र तैयार किया जाए ताकि डेवलपर्स अपने वादों को समय पर पूरा करें और उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहें.