नोएडा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा में विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस मौके पर संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हम 2024 के चुनाव से पहले 2 लाख और डेयरियां बनाएंगे. सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था.


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अमित शाह ने कहा कि 1974 के बाद पहली बार आज इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन के डेयरी शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत में हो रहा है. 1974 में दूध उत्पादन में विश्व में भारत कहां खड़ा था और 2022 में हम आत्मनिर्भर होकर निर्यातक होकर दुनिया के सामने खड़े हैं. इस सम्मेलन में सहकारी समितियों की प्रासंगिकता पर चर्चा की जा रही है.


अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने दुनिया को सहकारिता के रूप में साम्यवादी और बाजार मॉडल का एक वैकल्पिक मॉडल दिया है. सहकारी डेयरी व अन्य सहकारी संस्थाओं ने गुजरात में ग्रामीण विकास के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया है. यहां सम्मेलन में आए सभी अतिथियों को गुजरात के इस सफल सहकारी मॉडल को करीब से जानना चाहिए.


'हमने दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की'
अमित शाह ने आगे कहा कि हमने दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की है. लेकिन हम अभी भी मूल्य वर्धित डेयरी उत्पादों के लिए आयातित प्रसंस्करण मशीनरी पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एनडीडीबी और अमूल संयुक्त रूप से इसे पूरा कर सकते हैं. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के पास बहुत अधिक धन उपलब्ध है इसलिए वित्त की कोई कमी नहीं है. अगर हम इसे अपना लेते हैं तो हम डेयरी मशीनरी उत्पादन में भी आत्मनिर्भर होंगे और विश्व बाजार में योगदान दे सकते हैं.


'सहकारी संस्थाएं महिलाओं को सशक्त बनाती हैं'
अमित शाह ने ये भी कहा कि डेयरी क्षेत्र में सहकारी संस्थाएं महिलाओं को सशक्त बनाती हैं, और विभिन्न स्तरों पर ग्रामीण विकास में मदद करती हैं. उन्होंने कहा हम जैविक डेयरी उत्पादों के प्रमाणन, विपणन और निर्यात के लिए 3 बहु-राज्य सहकारी समितियां बना रहे हैं. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट अमूल द्वारा बनाया जाना है, इसके लिए एक्सपोर्ट हाउस को महीने के अंत तक पंजीकृत किया जाना है.


'हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे'
अमित शाह ने बताया कोऑपरेटिव डेयरियों ने दूध के संकलन व उत्पादन तक अपने आप को सीमित नहीं रखा, पशुचारा, गोबर से गैस व गोबर बैंक के प्रयोग को भी कोऑपरेटिव क्षेत्र ने आगे बढ़ाया है. गोबर बैंक के प्रयोग को पूरी दुनिया को समझना चाहिए, इसमें विश्व के स्वास्थ्य का मूल चिंतन समाहित है. अमित शाह ने बताया कि पिछले 8 साल में भारत 11वीं अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. और मुझे पूर्ण विश्वास है कि जल्द ही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे, जिसमें सहकारिता क्षेत्र बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा.


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