नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि भारत में कोरोना वायरस के केस आने वाले 40 दिनो में बढ़ सकते हैं. इसके पीछे की वजह भी बताई गई है. हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक इससे पहले भारत में जब भी कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं तो शुरुआत चीन से होते हुए जापान, यूरोप और अमेरिका के बाद भारत का नंबर आता है. पिछले पैटर्न को देखते हुए भारत में खतरे वाले दिनों की शुरुआत हो चुकी है.


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भारत में 29 दिसंबर को कोरोनावायरस के 268 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 28 दिसंबर को कुल मामले 188 थे. यानी एक दिन में 80 केस की बढ़ोतरी. 29 दिसंबर को महाराष्ट्र से कोरोनावायरस की वजह से एक मौत भी रिकॉर्ड हुई है. इसीलिए अगले 40 दिन लोगों से एहतियात बरतने को कहा गया है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है अब ये समझिए..


भारत में कोरोना केस में बढ़ोतरी


29 दिसंबर - कोरोना केस - 268
28 दिसंबर कोरोना केस - 188 
27 दिसंबर कोरोना केस - 157 
(Source - स्वास्थय मंत्रालय भारत सरकार)


भारत में कोविड के केसों में पिछले तीन दिनों में बढ़त साफ देखी जा रही है. हालांकि इसकी एक वजह ये भी है कि भारत में टेस्टिंग पहले के मुकाबले बढ़ गई है. पिछले चार दिनों के अंदर ही भारत में कोरोना की टेस्टिंग लगभग 4 गुना बढ़ गई है.


भारत में बढ़ी टेस्टिंग 


26 दिसंबर - 35,173
27 दिसंबर - 49,464
28 दिसंबर - 1,34,995
29 दिसंबर - 2,36,919 
(Source - स्वास्थय मंत्रालय भारत सरकार)


अब सरकार अगले हफ्ते से एयर सुविधा पोर्टल भी एक्टिवेट करने जा रही है. खासतौर पर ऐसे देश जहां कोरोना के मामले पीक पर हैं, वहां से आने वाले यात्रियों को अब कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. उसके बाद ही वो भारत की यात्रा कर पाएंगे. अगले एक हफ्ते में सरकार इस नियम को लागू कर सकती है. तब तक भारत के सभी एयरपोर्ट्स पर विदेशों से आने वाले यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग भी जारी रहेगी. वजह यही है कि विदेशी यात्रियों के जरिए भारत में कोरोना का कोई नया वेरिएंट तबाही न मचा सके.


पिछले 2 दिनों में भारत में 6 हजार सैंपल रैंडम टेस्ट हुए हैं, जिसमें से 39 यात्री कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में विदेशी यात्रियों के जरिए भारत में कोरोना का कोई नया वेरिएंट दाखिल ना हो जाए और मामलों में बढ़ोतरी ना हो, इसलिए ये कदम उठाए गए हैं.


दुनिया भर में कोरोना का कहर इस वक्त सबसे ज्यादा जापान, साउथ कोरिया और चीन में है. बीते 24 घँटों में कोरोना के सबसे ज्यादा नए केस दक्षिण कोरिया में दर्ज हुए हैं.


दुनिया में कहां कितने केस?


दक्षिण कोरिया में 71 हजार नए केस 
चीन के पड़ोसी देश ताइवान में - 27 हजार नए केस
चीन में 5102 नए केस दर्ज हुए हैं
(Source - Worldometer)


हालांकि भारत दुनिया के लिहाज से काफी बेहतर हालात में है. लेकिन भारत में जनसंख्या को देखते हुए पहले से तैयारी करनी जरूरी है. उत्तर भारत में सर्दी के मौसम में वायरल फ्लू के मामले बढ़े हुए हैं. ऐसे में कोरोनावायरस के मामले अगर बिना टेस्टिंग के नजरअंदाज हुए तो फिर से संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा है. हालांकि भारत में अब चीन जैसे भयावह हालात होने का खतरा नहीं है. उसकी वजह है भारत में सफल वैक्सीनेशन और सीरो सर्वे में भारतीयों में कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी मिलना.


जुलाई 2021 में आईसीएमआर के सीरो सर्वे में 70 प्रतिशत भारतियों में कोरोना के खिलाफ बनने वाली एंटीबॉडी पाई गई थी, इसलिए भारत में डरने की नहीं, लेकिन सावधान रहने की जरूरत है.


भारत में अब सभी पॉजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेसिंग की जा रही है- जिससे कोरोना का कोई नया वेरिएंट आने पर उसका पता चल सके.


ओमिक्रोन के BF-7 वेरिएंट पर वैक्सीन कितना असर कर रही है, इसकी स्टडी भी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा भारत में 750 में से 725 जिलों से डाटा इकट्ठा करके ये भी चेक कर लिया गया है कि हमारे पास कितने डॉक्टर, बेड्स, वेंटिलेटर और दवाएं स्टॉक में मौजूद हैं.


आइसोलेशन बेड्स- देश में कुल 3 लाख 37 हजार 710 आइसोलेशन बेड्स हैं जिसमें से 2,79,202 फंक्शनल यानी पूरी तरह तैयार हैं.


ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स-  2 लाख 82 हजार 229 ऑक्सीजन वाले बेड्स हैं जिसमें से 2,45,894 आज की तारीख में पूरी तरह तैयार हैं.


आईसीयू बेड्स- देश में कुल आईसीयू बेड्स की संख्या 70 हजार 73 है जिसमें से 64 हजार 711 पूरी तरह तैयार हैं.


वेंटिलेटर बेड्स- देश में 57 हजार 286 बेड्स हैं जिसमें से 49 हजार 236 पूरी तरह तैयार हैं.


मैन पावर- कितने डॉक्टर और कितना स्टाफ मौजूद?
देश में कुल 2 लाख 16 हजार 72 डॉक्टर तैयार हैं जिसमें से 1 लाख 77 हजार 382 कोरोनावायरस का इलाज करने के लिए ट्रेंड हैं.


नर्सों की संख्या की बात करें तो 3 लाख 87 हजार 526 कुल नर्सों की संख्या है जिसमें से 3 लाख 21 हजार 880 को कोरोना का इलाज करने की ट्रेनिंग मिली हुई है.


पैरामेडिकल स्टाफ- 1 लाख 93 हजार 776 हैं जिसमें से 1 लाख 66 हजार 324 कोविड मैनेजमेंट के लिए ट्रेंड हैं.


देश के आयुष प्रैक्टिशनर्स यानी आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी वाले 17 हजार 791 डॉक्टर मौजूद हैं इनमें से 15 हजार 645 को कोरोना से लड़ाई की ट्रेनिंग दी गई है.


मशीनरी की भी की गई है गिनती- वेंटिलेटर से लेकर मास्क तक गिने गए


वेंटिलेटर- 70 हजार 996
तैयार वेंटिलेटर- 70 हजार 478 (88%)


ऑक्सीजन प्लांट- 12 हजार 656
तैयार ऑक्सीजन प्लांट- 11830 (93%)


लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन- 1 लाख 70 हजार 951
तैयार लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन- 1,69,836 (99%)


ऑक्सीजन सिलेंडर- 6,63,547
तैयार ऑक्सीजन सिलेंडर- 6,22,151 (94%)


ऑक्सीमीटर- 3,96,348
तैयार ऑक्सीमीटर- 3,79,168  (96%)


पीपीई किट्स 81 लाख 37 हजार 277
एन 95 मास्क- इस वक्त देश में 2 करोड़ 33 लाख 82 हजार और 515 मास्क तैयार हैं.


दवाओं की गिनती पूरी


पैरासिटामोल कितनी है?- 50 करोड़ 79 लाख 1 हजार 495 
डॉक्सीसाइक्लिन कितनी है?- 8 करोड़ 41 लाख 85 हजार 669
एज़िथ्रोमाइसिन कितनी है?- 8 करोड़ 42 लाख 90 हजार 682
रेमडिसिविर कितनी है?- 7 लाख 13 हजार 785
टोसिलिजुमैब कितनी है?- 76,581
डेक्सामेथासोन कितनी है?- 2 करोड़ 46 लाख 267 हजार 157 (ये स्टीरॉयड कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होती है.)
एम्फोटेरेसिन कितनी है?- 4 लाख 12 हजार 928 - ये ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होती है.


(Source - स्वास्थय मंत्रालय भारत सरकार)


लेकिन पड़ोस में खतरा हो तो समय रहते सबक ले लेने में ही समझदारी है. ऐसे में जनवरी के महीने में लोगों से भी बिना वजह भीड़ में ना जाने और मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है. हालांकि भारत में आर्थिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए इस बार मास्क भी अनिवार्य करने से सरकार बच रही है, क्योंकि ये माना जा रहा है कि किसी भी तरह की पाबंदी से लोगों में पैनिक की स्थिति बन सकती है.


इसलिए लोग कोरोना से निपटने में अपने अनुभवों का इस्तेमाल करें. नए साल के मौके पर अंजान लोगों के साथ पार्टी करने से बचें. देर रात ठंड में बाहर ना रहें. सुबह सुबह के वक्त बाहर की हवा में एक्सरसाइज से बचें. भीड़ वाली जगहों पर मास्क लगाएं. आपकी बारी आ चुकी है तो बूस्टर डोज लगवा लें.


भीड़ से बचना और मास्क लगाना- ये वो दो काम हैं जो आने वाले 40 दिनों के खतरे से हमें बचा सकते हैं. बिना वजह कोरोना को दावत देने से ये दोनों काम कर लेना आसान है, क्योंकि कोरोना केवल कुछ दिनों की बीमारी नहीं है. ये हमारे शरीर के हर ऑर्गन पर खराब असर करती है.


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