आखिर जमातियों को संरक्षण क्यों दे रही हैं मस्जिदें
कोरोना वायरस से पूरा हिंदुस्तान मिलकर लड़ रहा है लेकिन तबलीगी जमात के जाहिलों को बचाने के लिए मस्जिद में कुछ लोग संरक्षण दे रहे हैं. देश भर में कई जगह इन जमातियों को कुछ कट्टरपंथी जेहादी मानसिकता के लोगों ने बचाने की कोशिश लगातार की है और इसका खामियाजा पूरे हिंदुस्तान को भुगतना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस को अब तक परास्त कर दिया गया होता अगर तबलीगी जमात के जाहिलों ने अपनी निम्न सोच और मानसिकता के कारण इसे देश के कोने कोने में न फैलाया होता. जब भारत कोरोना के संक्रमण के खिलाफ जद्दोजहद कर रहा था तब ये मजहबी कट्टरपंथी कोरोना को फैलाकर भारत में कोरोना जिहाद करने की कोशिश कर रहे थे.
आपको बता दें कि ऐसा इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि पुलिस को कई जगहों पर ये जमाती मस्जिदों में छिपे मिले और इन्होंने वहाँ से पुलिस और डॉक्टरों पर जानलेवा हमला किया. आज ही प्रयागराज की एक मस्जिद से 16 जमातियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद से ये सवाल फिर से उठ रहा है कि आखिर इन जाहिलों को मस्जिद में संरक्षण क्यों दिया जा रहा है.
प्रोफेसर समेत 16 विदेशी जमाती मस्जिद से पकड़े गए
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद सहित 30 लोगों को जिले की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिसमें 16 विदेशी जमाती भी शामिल हैं. हैरत की बात ये है कि जब कोरोना वायरस से पूरी मानव जाति पर खतरा है तो कोरोना संक्रमित जमातियों को डॉक्टरों और पुलिस से बचाकर क्या मानवता को बचाने की कोशिश की जा रही है या फिर दिमाग में धार्मिक जहर भरे हुए लोग देश में जहर घोलना चाहते हैं.
प्रयाग के पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशी जमातियों में शामिल सात इंडोनेशियाई नागरिकों को प्रोफेसर शाहिद ने अब्दुल्ला मस्जिद में ठहराने की सिफारिश की थी और इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई थी. जब पुलिस ने पूछा तो झूठ बोला गया और जमातियों को संरक्षण दिया गया.
देशवासियों के बजाय विदेशियों को बचा रहे मजहबी कट्टरपंथी
कोरोना का संकट पूरे देश पर है. ऐसे में देशवासियों की जान की परवाह किये बिना कोरोना संक्रमित विदेशी जमातियों को बचाने में कुछ मजहबी कट्टरपंथी जुटे हैं. ये वही लोग हैं जो हर बात पर लोकतंत्र की रक्षा की दुहाई देकर अपने कुकर्मों को ढकने की कोशिश करते हैं. इन लोगों को शर्म तक नहीं आती है कि ये जिस देश का खाते हैं उसी देश के खिलाफ साजिश करते हैं.
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इतने हैं विदेशी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में इंडोनेशिया के सात लोग, थाइलैंड के नौ लोग हैं. साथ ही केरल और पश्चिम बंगाल का एक-एक व्यक्ति भी इनमें शामिल है. इंडोनेशियाई लोगों में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित था जिसका इलाज कोटवा बनी में किया गया. पुलिस ने इस मामले में अब्दुल्ला मस्जिद और करेली के हेरा मस्जिद से जुड़े कई लोगों को भी गिरफ्तार किया है. थाइलैंड के नौ लोग करेली के हेरा मस्जिद में रुके थे. इन लोगों मस्जिद में छिपाने वाले क्या देश से प्यार करते हैं, ये सभी को समझना पड़ेगा.
गिरफ्तार हुए लोगों में से कई लोग मरकज हुए थे शामिल
पुलिस ने बताया कि जिन लोगों को आज मस्जिद से गिरफ्तार किया गया है उनमें से कई लोग दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई तबलीगी जमात की मरकज में शामिल हुए थे. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस को जांच में पता चला कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में विदेशी नागरिकों के साथ प्रोफेसर सहित कई अन्य लोग भी शामिल हुए थे.
प्रोफेसर ने जमात में शामिल होने की बात पुलिस से छिपाई. इसके अलावा, उसने लॉकडाउन के दौरान अब्दुल्ला मस्जिद में सात इंडोनेशियाई जमातियों को ठहराने की मुतवल्ली से सिफारिश की थी.
इससे पता चलता है कि ये लोग जाहिल कट्टरपन से इतना ग्रस्त हैं कि इन्हें देश, समाज और मानवता की बिल्कुल चिंता नहीं है. पीएम मोदी तक स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि कोरोना वायरस धर्म या जाति देखकर जान नहीं लेता है और ये बात मजहबी कट्टरपंथियों को बिल्कुल समझ नहीं आती.
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