नई दिल्ली: शहादत पर राजनीति करने की हिमाकत बार-बार कांग्रेस पार्टी करती रहती है. आज पुलवामा हमले की पहली बरसी है. इस मौके पर पूरे देश में शहीदों की शहादत को श्रद्धांजल दी जा रही है. लेकिन इस भावुक मौके पर भी कुछ नेता जवानों के शौर्य पर सवाल उठाने से बाज नहीं आ रहे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शहीदों की श्रद्धांजलि पर भी सवाल उठाए हैं.


कांग्रेस की गंदी पॉलिटिक्स


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी के बाद रणदीप सुरजेवाला ने पुलवामा हमले पर सवाल उठाए है. सुरजेवाला का कहना है कि "पुलवामा हमले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की गई, पुलवामा हमले के लिए कौन ज़िम्मेदार है? कौन पुलवामा में 350KG IED लेकर आया था? खुफिया जानकारी को क्यों दरकिनार किया गया? क्या पुलवामा हमले में पूर्व DSP देविंदर सिंह का कोई रोल था?"


NCP नेता का विवादित बयान


NCP नेता नवाब मलिक ने भी पुलवामा के शहीदों पर विवादित बयान दिया है. नवाब मलिक ने कहा कि 40 जवान शहीद हुए, चुनाव का मुद्दा बना और मोदी जी जीत गए. आज तक जांच नहीं हुई कि पुलवामा में RDX आया कैसे? अब मेमोरियल बनाने की बात कर रहे हैं, हमें मेमोरियल नहीं जांच चाहिए.


राहुल गांधी ने पुलवामा हमले को लेकर विवादित ट्वीट किया है. उन्होंने सरकार से ट्विटर पर 3 सवाल पूछे हैं.


1. इस हमले से सबसे ज्यादा किसको फायदा हुआ?
2. इस हमले की जांच का निष्कर्ष क्या निकला?
3. बीजेपी की सरकार में सुरक्षा में हुई चूक के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया?



कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी पहले कई बार सेना के शौर्य का अपमान कर चुके हैं. इसलिए सेना का अपमान राहुल के लिए नई बात नहीं है. लेकिन राहुल ने आज के दिन फिर सेना के शौर्य पर सवाल उठाया है जब पूरा देश पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने में लगा हुआ है.


भाजपा ने राहुल को लगाई लताड़


राहुल के इस विवादित ट्वीट की बीजेपी ने निंदा करते हुए कहा कि सेना के शौर्य पर सवाल उठाना राहुल की पुरानी आदत है. बीजेपी ने इस मामले पर राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा है. राहुल गांधी पीएम मोदी का विरोध करते हैं. लेकिन उन्हें इस बात का शायद ये एहसास नहीं होता है कि कब उनका मोदी विरोध सेना या देश का विरोध बन जाता है.


इसे भी पढ़ें: शहीदों की मौत पर नफा-घाटा तलाश रहे राहुल गांधी कब देंगे इन सवालों का जवाब?


पुलवामा हमले को एक साल पूरे हो गए हैं. पाकिस्तान ने इसका बुरा अंजाम भी भुगत लिया. लेकिन आतंकिस्तान को शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि अगर उनसे पुलवामा दोहराने की कोशिश की तो ये उसके अस्तित्व पर भारी पड़ जाएगा. इन सब के अलावा कांग्रेस पार्टी हर बार देश के शूरवीरों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर देती है और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकनी लगती है.


जरा याद करो कुर्बानी: पुलवामा में शहादत का एक साल आज हुआ पूरा