नई दिल्ली. टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर फजीहत झेल चुकी सरकार अब प्याज की कीमतों को लेकर पूरी तरह सतर्क है. इसी क्रम में सरकार ने 3 लाख मीट्रिक टन के प्रारंभिक खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद इस साल प्याज का बफर स्टॉक बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन कर दिया है. इसके अलावा अब खुदरा दुकानों के साथ-साथ सस्ते प्याज की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स मंचों को भी शामिल किया जाएगा.


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ठीक एक दिन पहले शनिवार को केंद्र ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. प्याज पर पहली बार निर्यात शुल्क लगाया गया है. दरअसल शनिवार को प्याज खुदरा मूल्य 37 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था. सरकार द्वारा यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक के लिए लगाया गया है. भारत से प्याज के शीर्ष आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.


अतिरिक्त खरीद के निर्देश
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ को अतिरिक्त खरीद लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक को 1 लाख टन की खरीद करने का निर्देश दिया है. वहीं जिन बाजारों में प्याज की कीमतें औसत से ज्यादा हैं, वहां पर प्याज भेजने का काम भी शुरू कर दिया गया है.  बफर स्टॉक से लगभग 1,400 मीट्रिक टन प्याज लक्षित बाजारों में भेजा गया है. उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसे लगातार जारी किया जा रहा है.


इन दुकानों में 25 रुपये किलो मिलेगा प्याज
जहां एक तरफ बाजारों को बफर स्टॉक से प्याज भेजा जा रहा है वहीं आम लोगों को राहत देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. सोमवार से NCCF की खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर भी उपलब्ध कराया जाएगा.  आने वाले दिनों में अन्य संस्‍थाओं और ई-कॉमर्स मंचों को शामिल करके प्याज की खुदरा बिक्री को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाएगा.


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