मुंबईः सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया एक तरफ भारी कर्ज के बोझ में दबी है तो दूसरी तरफ कई सरकारी विभाग करोड़ों रुपयों का उधार दबाए बैठे हैं. फंड की कमी से जूझ रहे एयर इंडिया ने अब उधार के टिकट पर उड़ने वालों 'ना' कह दिया है. कंपनी ने उन सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को टिकट जारी करना बंद कर दिया है, जिनपर 10 लाख रुपये से अधिक बकाया है. एयरलाइंस के एक सूत्र ने कहा, 'विभन्न सरकारी एजेंसियों ने 268 करोड़ रुपये के टिकट एयर इंडिया से उधार लिए हैं और यह रकम बकाया है.


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दशकों के इतिहास में एयर इंडिया ने पहली बार इस तरह का कदम उठाया है. कंपनी ने सरकारी डिफॉल्टर्स और उनके बकाये की लिस्ट बनाई है, जिसमें सीबीआई, आईबी, ईडी, कस्टम कमिश्नर्स, सेंट्रल लेबर इंस्टिट्यूट, इंडियन ऑडिट बोर्ड, कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स और बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स के नाम शामिल हैं. सरकार और इसकी एजेंसियों के लिए आधिकारिक दौरे के लिए AI पहली प्राथमिकता है और प्राइवेट कंपनियों के टिकट तभी खरीदे जा सकते हैं, जब उस गंतव्य के लिए AI की सेवा उपलब्ध नहीं है. हालांकि, दुर्भाग्य से ये सरकारी अधिकारी पेमेंट के मामले में सक्रियता नहीं दिखाते हैं.


ब्योरा लेना किया शुरू
पिछले महीने एयर इंडिया के फाइनैंस डिपार्टमेंट ने प्रत्येक क्षेत्र/स्टेशन से सरकारी बकाये का ब्योरा लेना शुरू किया. एयरलाइन के एक अधिकारी ने कहा, 'पिछले कुछ सप्ताह में 10 लाख से अधिक बकायेदारों को 'कैश ऐंड कैरी' पर रखा गया है. उन्हें पेमेंट देने पर ही टिकट दिया जा रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और लोक सभा को इसमें छूट दी गई है.


तेजी से हो रही वसूली
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'पिछले कुछ सप्ताह में हमने करीब 50 लाख रुपये की वसूली की है. इन एजेंसियों से बकाया मिलने में काफी देरी होती है और हम वास्तव में पेमेंट पाने के लिए सख्त रवैया नहीं इस्तेमाल कर सकते हैं. पहली बार एयर इंडिया ने गवर्नमेंट डिफॉल्टर्स की लिस्ट बनाई है और इसपर काम शुरू हो चुका है.


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लाखों-करोड़ों हैं बकाया
TOI ने एयर इंडिया वेस्टर्न रीजन के द्वारा तैयार लिस्ट को एक्सेस किया है, जहां 22.8 करोड़ रुपये बकाया हैं.य इसमें सबसे अधिक 5.4 करोड़ रुपये मुंबई स्थित कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स ऑफिस के पास बकाया हैं. इसके बाद बोर्ड ऑफ रेडिएशन ऐंड आइसोटोप टेक साइंटिफिक ऑफिसर-डी को 2.4 करोड़ रुपये चुकाने हैं. लोक सभा एक्जिक्युटिव ऑफिसर एमएसए के पास 2.2 करोड़ रुपये उधार हैं. CBI को 95 लाख रुपये देने हैं. ईडी ने 12.8 लाख रुपये के बिल लंबित रखे हैं. सेंट्रल रेलवे पर 36 लाख रुपये उधार हैं तो वेस्टर्न रेलवे के पास 4.8 लाख रुपये बकाया हैं.


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