श्रीनगर: देश में इन दिनों चीन के साथ तनाव की हर जगह चर्चा हो रही है. आज शाम 5 बजे से पीएम मोदी अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक सम्पन्न हुई. इसमें सभी राजनीतिक दलों से चीन पर राय ली गयी और सभी पार्टियों के शीर्ष नेताओं को चीन से जारी तनातनी की जानकारी दी गयी. इस बीच वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने लेह और लद्दाख के एयरबेस का दौरा किया. ये एयरबेस चीन सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है और किसी भी प्रकार की चीनी साजिश को नाकाम करने के लिए वायुसेना को इसका प्रयोग करना पड़ता है.


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चीन सीमा पर वायुसेना मुस्तैद


आपको बता दें कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच मे हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के बीस जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे. इसके बाद से दोनों देशों के बीच जारी तनाव के मद्देनजर वायुसेना ने अपाचे और चिनूक जैसे हेलिकॉप्टर को लद्दाख में तैनात किया गया है, ताकि जवानों को तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. अपाचे हेलिकॉप्टर किसी भी मुश्किल परिस्थिति में काम में लाया जा सकता है.


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वायुसेना की गतिविधियों की समीक्षा की


बताया जा रहा है कि वायुसेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने वायुसेना की तैयारियों की समीक्षा की. सबसे अहम बात ये है कि वायुसेना की ओर से अभी इस दौरे की पुष्टि नहीं की गई है. केंद्र सरकार के सूत्रों ने समाचार एजेंसी को इस दौरे की जानकारी दी थी. चीन से हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद देश के शीर्ष अधिकारियों द्वारा स्थिति और सैन्य विकल्पों की समीक्षा करने के तुरंत बाद वायु सेना प्रमुख का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा है.


लेह एयरबेस पर वरिष्ठ अधिकारियों से की बात


बताया गया है कि वायुसेना प्रमुख ने लेह के प्रसिद्ध एयरबेस पर अधिकारियों और वरिष्ठ सेनानियों से बातचीत की और आवश्यक दिशानिर्देश दिए. जब वायु सेना प्रमुख के लेह और श्रीनगर दौरे को लेकर वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक दौरे के पहले चरण में  वायुसेना प्रमुख भदौरिया  लेह पहुंचे और फिर वहां से वह श्रीनगर एयरबेस गए थे.