नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के बाद यूपी बीजेपी में अंतर्कलह की अटकलें लगाई जा रही हैं. हाल ही में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि संगठन सरकार से बड़ा है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए स्पेशल 30 टीम तैयार की है जिसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को नहीं रखा है. 


अखिलेश यादव ने दिया मानसून ऑफर


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूपी बीजेपी में उठा-पटक के अनुमान के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर मानसून ऑफर दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ!' इसके क्या मायने हैं, ये ऑफर उन्होंने किसे दिया है और यूपी में किस पार्टी के पास कितना संख्याबल है, जानिएः


अखिलेश ने किसे दिया है ये ऑफर?


अनुमान लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने यह ऑफर केशव प्रसाद मौर्य को दिया है. पहले भी अखिलेश उनको ऑफर दे चुके हैं कि वो 100 विधायक ले आएं तो सपा उनको सरकार बनाने के लिए समर्थन दे देगी. हालांकि मौर्य ने अखिलेश के बयान पर जवाबी हमला करते हुए कहा था कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है.


यूपी में किस पार्टी के पास कितने विधायक


अखिलेश यादव की ओर से ऑफर दिए जाने के बाद सवाल उठता है कि यूपी में किस पार्टी के पास कितने विधायक हैं और किस तरह की संभावनाएं बन सकती हैं? यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं जिनमें से मौजूदा समय में 10 सीटें खाली हैं जिन पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होना है.


यूपी में बीजेपी और सपा का संख्याबल कितना है?


यूपी विधानसभा में मौजूदा समय में संख्याबल की बात करें तो कुल सदस्यों की संख्या 393 है, जिसमें से सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी हैं. बीजेपी के पास मौजूदा समय में 251 विधायक हैं. सपा की सीटें 105 हैं. वहीं अपना दल (सोनेलाल) के पास 13 सीटें हैं. राष्ट्रीय लोक दल के पास 8, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास 6, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के पास 5, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास 2 सीटें हैं. वहीं कांग्रेस और बसपा के पास क्रमशः 2 और 1 सीट है.


क्या है अखिलेश के बयान का मतलब?


यूपी में बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत है. वहीं अखिलेश यादव के ऑफर के बाद संभावनाओं की बात करें तो अगर बीजेपी से 100 विधायक एक साथ टूट जाते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लगेगा और उनकी सदस्यता चली जाएगी. क्योंकि दल-बदल कानून के तहत दो तिहाई सदस्यों का विलय के पक्ष में होना अनिवार्य है. बीजेपी के मौजूदा आंकड़े 251 के हिसाब से देखें तो दो-तिहाई संख्या 167 होती है. 


वहीं 10 सीटों पर उपचुनाव के बाद अगर बीजेपी का संख्याबल बढ़ता है तो दो-तिहाई का आंकड़ा और बढ़ जाएगा. किसी भी नेता के लिए पार्टी से इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को तोड़ना बहुत ही कठिन काम है. ऐसे में फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है. यानी समझा जा सकता है कि अखिलेश यादव मानसून ऑफर देकर बीजेपी की कथित अंतर्कलह पर चुटकी ले रहे हैं. 


यह भी पढ़िएः IAS Puja Khedkar: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां को पुणे पुलिस ने हिरासत में लिया, इस मामले में होगी पूछताछ


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.