अमित शाह ने विभाजन को बताया भारतीय इतिहास का अमानवीय अध्याय, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने विभाजन की कीमत चुकाई. उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास के ‘अमानवीय’ अध्याय को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने विभाजन की कीमत चुकाई. उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास के ‘अमानवीय’ अध्याय को कभी भुलाया नहीं जा सकता है.
'शांति के लिए प्रेरित करेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'
उन्होंने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ युवा पीढ़ी को देशवासियों की तरफ से सही गई यातना और पीड़ा की याद दिलाएगा और नागरिकों को ‘हमेशा’ शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा.
'हिंसा और घृणा ने लाखों की जान ली'
अमित शाह ने कहा, ‘1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ली और असंख्य लोगों को विस्थापित करवाया.’
उन्होंने कहा, ‘आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर विभाजन का दंश झेलने वाले लाखों लोगों को नमन करता हूं.’
14 अगस्त को मनाया जाता है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
गौरतलब है कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने विभाजन के दौरान लोगों के संघर्ष और बलिदान को याद करने के लिए हर साल 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी.
लाखों लोग हुए थे विस्थापितः शाह
अमित शाह ने रेखांकित किया कि नासमझ घृणा और हिंसा की वजह से लाखों लोग विस्थापित हुए और कई की जान गई. गौरतलब है कि ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से 1947 में आजादी मिलने के वक्त मुस्लिम बहुल इलाकों को अलग कर पाकिस्तान के नाम से नया देश बनाया गया था. इस दौरान हुई हिंसा में बड़े पैमानों पर लोगों की जान गई थी और लाखों लोग विस्थापित हुए थे.
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