नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में चुनावी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर नाराजगी के सुर सुनाई दे रहे हैं. राज्य में भारी झटके के कुछ दिनों बाद, जिन कांग्रेस नेताओं को टिकट से वंचित किया गया था, उन्होंने खुलकर सामने आना शुरू कर दिया है. इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य में हाल ही में हुए चुनावों के लिए उन्हें पार्टी के टिकट से वंचित करने के लिए फर्जी सर्वेक्षण किए गए थे. बता दें कि चुनाव में कांग्रेस राज्य की 90 में से केवल 35 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि बीजेपी 54 सीटों के साथ सत्ता में आई.


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पार्टी के कई पूर्व विधायक शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिए जाने की सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. टिकट से वंचित 22 पूर्व विधायकों में से 12 ने वेणुगोपाल से मुलाकात कर सर्वेक्षण रिपोर्ट की विश्वसनीयता पूछी.


क्या बोले पूर्व विधायक
एक ने कहा कि उन्होंने वेणुगोपाल से मुलाकात की और उन्हें बताया कि ऐसी संदिग्ध सर्वेक्षण रिपोर्ट के कारण उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया. वेणुगोपाल को अवगत कराया गया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार करने से, जिसमें उन्हें हारते हुए दिखाया गया था, पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा.हमें टिकट देने से इनकार करके कांग्रेस ने अपनी जीती हुई सीटें बीजेपी को उपहार के रूप में दे दीं.


कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने का मांगा है समय
इन विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिलने का समय मांगा है. दिल्ली आए 12 विधायकों में बृहस्पति सिंह, मोतीलाल, शिशुपाल सोरी, विजय जयसवाल, चैनिंग लाल, भुवनेश्वर बघेल, चंद्रदेव राय, विनोद, ममता चंद्राकर, प्रमोद शर्मा, मोहित ककरेटा और लक्ष्मी ध्रुव शामिल हैं.


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