ED Ankit Tiwari Arrest: तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) द्वारा शुक्रवार को  ₹20 लाख रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी अंकित तिवारी की गिरफ्तारी ने राजनीतिक तूफान ला दिया है. DMK सांसद दयानिधि मारन ने आज एजेंसी को जबरन वसूली विभाग यानी एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट कहा है. वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर 'राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों' को निशाना बनाने के लिए इसका दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. भारतीय जनता पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय का बचाव करते हुए कहा कि तिवारी के कृत्य के लिए पूरी एजेंसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.


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मदुरै में तैनात 2016 बैच के अधिकारी अंकित तिवारी को शुक्रवार को राज्य के डिंडीगुल जिले में एक डॉक्टर से ₹20 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. DMK सांसद ने X पर लिखा, 'तमिलनाडु के सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस निदेशालय ने डिंडीगुल में ₹20 लाख की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में एक ईडी अधिकारी को गिरफ्तार किया है. यह सार्वजनिक संस्थानों में नागरिकों के विश्वास को चकनाचूर कर देता है, जिससे आश्चर्य होता है कि क्या ईडी का मतलब जबरन वसूली विभाग या प्रवर्तन निदेशालय है, क्योंकि भाजपा सरकार ने देश भर में राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों को खुलेआम आतंकित करने और जबरन वसूली करने के लिए इसका व्यवस्थित रूप से दुरुपयोग किया है.'


 



कांग्रेस भी हमलावर
इससे पहले, तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने कहा कि अगर तिवारी निर्दोष होते तो राज्य पुलिस के ईडी कार्यालय जाने पर वह भागते नहीं. उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु पुलिस को मिली जानकारी और शिकायत के आधार पर, वे प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में जांच करने गए. अगर वह निर्दोष था, तो वह उनका सामना कर सकता था. वह उस समय क्यों भाग गया?'


BJP ने कही ये बात
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने शनिवार को कहा कि किसी एक अधिकारी के कृत्य के लिए ईडी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'कल, DVAC ने ईडी विभाग से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. उसे अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. ये पहली बार नहीं है और ये आखिरी बार भी नहीं है. इससे पहले भी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों में सीबीआई और ईडी जैसी विशेष एजेंसियों द्वारा कई लोगों को पकड़ा और गिरफ्तार किया गया है. हाल ही में ऐसी ही एक घटना राजस्थान में घटी... हम किसी एक व्यक्ति की गलती के लिए ईडी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.'


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