लॉकडाउन में फंसे लोगों की घर वापसी के लिए इंतजाम शुरू, तो तेज हुई सियासत
कोरोना की जंग में हर किसी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अलग-अलग जगहों पर फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए सरकारी इंतजाम शुरू हो गया है, लेकिन इसे लेकर अब राजनीति भी तेज होती दिख रही है...
नई दिल्ली: देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे लोगों को अपने घर पहुंचाने को लेकर सरकार की ओर से इंतजाम शुरू हो गए हैं. गृह मंत्रालय ने एक बार फिर से ये साफ किया है कि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए बसों का ही इस्तेमाल होगा. हालांकि इसे लेकर सियासत भी तेज़ हो रही है.
गांव जाने के लिए बेकरार हैं मजदूर
मध्य प्रदेश के सैकड़ों मजदूर अपने घर जाने को बेकरार हैं. लॉकडाउन के दौरान दोनों राज्यों की सीमा यहां भी सील है. लेकिन अब इन मजदूरों की घर वापसी का ठोस प्लान तैयार है. अपने परिवार और छोटे-छोटे बच्चों के साथ बेबस इन लोगों को अपने गांव जाने की इजाजत मिल गई है.
पालन करने होंगे कायदे-कानून
केंद्र सरकार ने छात्रों, मजदूरों, और सैलानियों जैसे लोगों को अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए छूट दी है. लेकिन इसके लिए राज्यों को कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा. इसके लिए एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा और राज्य एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. हर राज्य को एक दूसरे राज्य से आपस में सहयोग करने को कहा गया है. अपने-अपने राज्यों में वापस जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग होगी और वो बसों के जरिए सड़क मार्ग से ही वापस जाएंगे. सरकार की ओर से इसे लेकर खास हियादय दी गई है.
बिहार ने केंद्र सरकार से की मांग
लेकिन कुछ राज्य केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में संशोधन की मांग कर रहे हैं. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार के लाखों लोगों को बसों से लाना व्यवाहरिक नहीं होगा. इसलिए सरकार स्पेशल ट्रेन चलाए.
बिहार सरकार के इस रुख पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ऐतराज जताया है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि मजदूरों को वापस लाने के लिए सरकार के पास बसें नहीं है. हम सरकार को 2000 बसें सुपुर्द करने के लिए तैयार हैं.
CM कैप्टन अमरिंदर ने भी की मांग
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें मांग की गई है कि पंजाब में दूसरे राज्यों के फंसे लोगों को वापस ले जाने के लिए ट्रेन चलाई जाए.
अकेले लुधियाना में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जबकि पूरे पंजाब में दस लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं. राज्य सरकार के मुताबिक पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत मजदूर बिहार से हैं और इसीलिए ट्रेन की मांग की जा रही है.
राजस्थान सरकार ने भी की अपील
प्रवासी मजूदरों को वापस लाने को लेकर राजस्थान सरकार भी ट्रेन चलाने की मांग कर रही है. हालांकि, राजस्थान सरकार ने अपने यहां फंसे मजदूरों को हरियाणा और मध्यप्रदेश भेजना शुरू कर दिया है. खाजूवाला से 111 मजदूरों को हरियाणा और 38 मजदूरों को मध्यप्रदेश भेजा जा रहा है.
घर वापसी के लिए चेहरे पर खुशी
देश के अलग अलग राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश में लोगों की घर वापसी शुरू हो गई है. गुरुवार को मध्य प्रदेश से 3 हजार लोग यूपी लौट गए. यूपी सरकार ने मध्य प्रदेश में 40 बस भेजे हैं. यूपी सरकार अगले चरण में बसों को गुजरात भेजेगी. गुजरात सरकार डेटाबेस तैयार कर रही है.
आने वाले लोगों की मेडिकल जांच
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव ने इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राज्य सरकार ने कहा है कि लोगों को अपने राज्य में वापस लेने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन वापस आनेवाले लोगों की मेडिकल जांच होनी चाहिए.
घर वापसी की कवायद के बीच गुजरात के सूरत में बहुत से मजदूर परेशान दिखे. बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि अपने घर जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
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वहीं महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 4 हेलप्ललाइन नंबर जारी किए हैं. ये नंबर महाराष्ट्र डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के तहत काम कर रहे हैं.
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