नई दिल्ली. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. करीब 36 दिनों तक चली लंबी दौड़ के बाद अमृतपाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अमृतपाल ने गिरफ्तारी से पहले कहा है- 'गिरफ्तारी अंत नहीं शुरुआत है.' पंजाब के मोगा में गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने कहा है- 'यह जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है. हम दुनिया की कचहरी में दोषी हो सकते हैं लेकिन सच्चे गुरु की कचहरी में नहीं. जो झूठे केस हैं हम उनका सामना करेंगे.'


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अमृतपाल एक महीने से अधिक समय से फरार था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जाएगा. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उस पर रासुका लगा हुआ है और उसे डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा.’ 


पुलिस ने अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था. ऐसा माना जा रहा है कि 29 वर्षीय खालिस्तान समर्थक को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया. मृतक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल सिंह को पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था.


लोगों ने शांति रखने की अपील
पंजाब पुलिस ने ट्वीट किया कि अमृतपाल सिंह को मोगा में गिरफ्तार किया गया है और उसने लोगों से शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने का अनुरोध किया. उसने ट्वीट किया, ‘कोई फर्जी खबर साझा न करें, हमेशा पुष्टि करें और फिर साझा करें.’ सोशल मीडिया पर अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आयी है और इनमें उसे पारंपरिक सफेद वस्त्र पहने हुए देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में अमृतपाल सिंह एक गुरुद्वारे में कथित तौर पर सभा को संबोधित कर रहा है और कह रहा है कि वह आत्मसमर्पण कर रहा है. पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के खिलाफ पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है.


समर्थकों ने लहराई थी तलवार
अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. फरवरी में अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों में से कुछ लोग तलवार तथा बंदूक लहराते हुए अवरोधक तोड़कर अजनाला थाने में घुस गए थे तथा उनकी अपने एक साथी की रिहाई के लिए पुलिस से झड़प भी हुई थी.


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