अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फिलहाल रोक, 2-3 दिन में आएगा दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
Delhi High Court on Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली उच्च न्यायालय का यह निर्देश ईडी द्वारा शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने के बाद आया है.
Delhi High Court on Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे. दिल्ली उच्च न्यायालय 25 जून को अपना आदेश सुना सकता है.
न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने कहा, 'मैं दो-तीन दिन के लिए आदेश सुरक्षित रख रहा हूं. आदेश सुनाए जाने तक निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है.'
सिंगल न्यायाधीश की पीठ ने यह आदेश तब दिया जब प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. अदालत का यह निर्देश आप सुप्रीमो को तिहाड़ जेल से रिहा होने से कुछ घंटे पहले आया.
सुनवाई में ED ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश पूरी तरह से विकृत है क्योंकि यह धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के प्रावधानों के विपरीत है.
एएसजी ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें ठीक से नहीं सुना. एएसजी राजू ने कहा, 'आप मेरी बात नहीं सुनते. आप जवाब को यह कहते हुए नहीं देखते कि यह बहुत बड़ा है. इससे अधिक विकृत आदेश कोई नहीं हो सकता.'
ट्रायल कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए एएसजी राजू ने कहा कि ईडी ने गोवा विधानसभा चुनावों में आप द्वारा अपराध की आय का उपयोग करने के सबूत दिखाए हैं और 45 करोड़ रुपये का पता लगाया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने यह भी दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने महत्वपूर्ण निष्कर्षों को खारिज कर दिया, जिसमें 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने में केजरीवाल की कथित भूमिका भी शामिल है.
एएसजी राजू ने आगे कहा, 'संवैधानिक कुर्सी पर बैठना जमानत का आधार है? इसका मतलब है कि हर मंत्री को जमानत दी जाएगी. इससे ज्यादा विकृत कुछ नहीं हो सकता.'
अरविंद केजरीवाल के पास एक भी पैसा नहीं मिला: वकील
ईडी का विरोध करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के पास एक भी पैसा नहीं मिला. ईडी के दृष्टिकोण को निंदनीय बताते हुए सिंघवी ने कहा कि किसी आरोपी को केवल जांच एजेंसी द्वारा सबूत खोजने के लिए अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता.
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