क्या असम से बाहर भी चमकेगा BJP के स्टार CM हिमंता का सितारा? केंद्रीय नेतृत्व में मिलेगी भूमिका?
हिमंता बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री भले ही असम के हों लेकिन उनकी चर्चा अक्सर दिल्ली में होती रहती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब हिमंता ने राष्ट्रीय राजनीति की तरफ अग्रसर होने के भी संकेत दे दिए हैं.
नई दिल्ली: हिमंता बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री भले ही असम के हों लेकिन उनकी चर्चा अक्सर दिल्ली में होती रहती है. सरमा विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं. साथ ही कई बार वो ट्विटर पर गर्मागर्म बहसों का भी हिस्सा बनते हैं. असम में 'मामा' के नाम से लोकप्रिय हिमंता के नेतृत्व में एक दिन पहले महत्वपूर्ण शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. करीब सात साल पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले हिमंता का कद पार्टी में भी बढ़ता गया है. हाल ही में महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के दौरान शिवसेना के बागी विधायक असम की राजधानी गुवाहाटी में ही रुके थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब हिमंता ने राष्ट्रीय राजनीति की तरफ अग्रसर होने के भी संकेत दे दिए हैं.
बीते एक महीने से हिमंता राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को घेरते दिख रहे हैं. हाल ही में उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा शिक्षा व्यवस्था को लेकर किए दावों पर सवाल खड़े किए थे. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी व्यंग्यात्मक वीडियो शेयर किया था. विपक्षी नेता जयराम रमेश ने भी हिमंता बिस्व सरमा का जिक्र किया था.
बीजेपी में आए तो नेडा के चीफ बने
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने के एक साल बाद ही हिमंता को नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (NEDA) का समन्वयक बना दिया गया था. नेडा के गठन के बाद से ही कई उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते हुए हैं और कई सीमा विवाद सुलझाए गए हैं. 2017 में मणिपुर और मेघालय में सरकार बनवाने में भी हिमंता ने बड़ा रोल प्ले किया था.
नॉर्थ ईस्ट में मजूबत की अपनी स्थिति
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर-पूर्व में अपनी स्थिति मजबूत करने के बाद हिमंता ने अब राष्ट्रीय राजनीति के लिए संकेत दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी शुरुआत शिवसेना के 40 विधायकों को गुवाहाटी में ठहराने के बाद ही हो गई थी. इसी के बाद एकनाथ शिंदे और बीजेपी ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई.
केंद्रीय लीडरशिप का भरोसा
रिपोर्ट में असम बीजेपी के एक सूत्र के हवाले से कहा गया है-केंद्रीय नेतृत्व को दादा (हिमंता) में बहुत भरोसा है और यही वजह है कि विधायकों को गुवाहाटी में ठहराने की व्यवस्था की गई थी. महाराष्ट्र के बाद यह आरोप भी लगे कि असम के मुख्यमंत्री झारखंड में सत्ताधारी विधायकों की खरीदफरोख्त करना चाहते हैं. गोवा में कांग्रेस में हुई टूट के पीछे सरमा का हाथ होने की कयासबाजी की जा रही है. इस टूट में हैवीवेट दिगंबर कामत ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ा है.
सभी सीएम से बेहतर संबंध
असम बीजेपी के एक सूत्र के हवाले से कहा गया-दादा के नॉर्थ ईस्ट में सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं. क्षेत्र में लगभग सभी समस्याओं का निराकरण हो गया है. ऐसा लगता है कि केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका इस्तेमाल करना चाहता है.
क्या बोले कैबिनेट मंत्री
सरमा कैबिनेट में मंत्री अशोक सिंघल का कहना है-नेडा के चेयरमैन रहते हुए वो हमेशा ही राष्ट्रीय राजनीति से जुड़े हुए थे. और अब वो कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण रोल प्ले कर रहे हैं. हमें गर्व है कि नॉर्थ ईस्ट की राजनीति से कोई व्यक्ति राष्ट्रीय राजनीति में अहम रोल अदा कर रहा है.
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