नई दिल्ली: 5 State Assembly Election Results: देश के 5 अहम राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं. 5 में से 4 राज्यों में भाजपा ने सत्ता में वापसी की जबकि एक राज्य में आम आदमी पार्टी ने सत्ता पर कब्जा किया. गोवा, मणिपुर, यूपी, पंजाब और उत्तराखंड की कुल 690 सीटों में से पांच दर्जन सीटों पर हार और जीत का अंतर एक हजार से कम मतों का रहा. इसका मतलब है कि करीब 60 उम्मीदवारों के हाथ से जीती हुई बाजी निकल गई और विरोधी प्रत्याशी ने उनका विधायक बनने का सपना तोड़ दिया. 


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यूपी में 15 सीटों पर जीत हार का अंतर 1000 से भी कम


अहम तथ्य ये है कि इनमें से 21 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों ने कांटे के इस मुकाबले में जीत दर्ज की. पांच राज्यों में हुई मतगणना के बाद भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में फिर से सत्ता में वापसी की. उत्तर प्रदेश में 15 ऐसी सीटें रहीं, जहां पर हजार से कम मतों के अंतर ने जीत और हार तय की. 


मणिपुर में 22 उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला हजार मतों के अंतर से हुआ वहीं गोवा में ऐसे 10 उम्मीदवार थे, जिन्होंने एक हजार के मतों के अंतर से जीत दर्ज की. उत्तराखंड में पांच उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला हजार मतों के अंतर ने तय किया जबकि पंजाब में सिर्फ दो ही सीट ऐसी रही, जहां हार जीत का फैसला हजार मतों के अंतर से हुआ. सबसे कांटे का मुकाबला मणिपुर की वाबगई सीट पर रहा जहां जीत और हार का फैसला महज 50 मतों के अंतर हुआ. 


इस सीट पर भाजपा के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को सिर्फ 50 वोटों से हराया. उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर भाजपा की और समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई वाले गठबंधनों के बीच बेहद कांटे का मुकाबला हुआ और जीत व हार का फैसला 500 से भी कम मतों के अंतर से हुआ. 


11 सीटों पर 500 से कम वोट से जीते प्रत्याशी


चुनावी नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 11 सीटों पर जीत और हार का अंतर 500 मतों का रहा जबकि डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी रहीं जहां हार और जीत का फैसला एक हजार के करीब मतों के अंतर से हुआ. भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने सात सीटों पर सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को 500 से भी कम मतों के अंतर से शिकस्त दी वहीं सपा गठबंधन के उम्मीदवारों ने इसी तरह चार सीटों पर भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों को पराजित किया. 


वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत और हार का फासला एक हजार से कम मतों का था. इनमें से पांच सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जबकि दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और एक सीट पर सपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी. पिछले चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला डुमरियागंज सीट पर हुआ था. यहां भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सपा की सैयदा खातून को 171 मतों से पराजित किया था. 


बिजनौर में 203 वोट से जीते भाजपा प्रत्याशी


इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला बिजनौर जिले की तीन और बाराबंकी की दो विधानसभा सीटों पर हुआ. बिजनौर जिले की धामपुर विधानसभा सीट पर जबरदस्त टक्कर हुई. बेहद करीबी मुकाबले में यहां भाजपा के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम उल हसन को सिर्फ 203 मतों से पराजित किया. बिजनौर की चांदपुर सीट पर भी जबदरस्त मुकाबला देखने को मिला लेकिन जीत अंतत: सपा के स्वामी ओमवेश को मिली. 


उन्होंने भाजपा के कमलेश सैनी को 234 मतों से हराया. इसी जिले की नहटौर सीट पर दिलचस्प मुकाबला हुआ और कई दौर की उठापटक के बाद आखिरकार भाजपा के ओमकुमार ने रालोद के मुंशीराम को 258 मतों से हराया. बाराबंकी जिले की कुर्सी विधानसभा सीट पर भी बेहद कांटे का मुकाबला हुआ. भाजपा के सकेंद्र प्रताप ने यहां सपा के राकेश कुमार वर्मा को 217 मतों से पराजित किया. 


इन सीटों पर रहा सबसे कम अंतर


बाराबंकी जिले की रामनगर सीट पर सपा के फरीद किदवई ने भाजपा के शदकुमार अवस्थी को 261 मतों से पराजित किया. सुल्तानपुर जिले की इसौली विधानसभा सीट पर भी कांटे का मुकाबला हुआ. यहां से सपा के ताहीर खान ने भाजपा के ओम प्रकाश पांडे को 269 मतों से हराया. रामपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. यहां हुई कांटे की टक्कर के बाद भाजपा के बलदेव सिंह औलाख को जीत मिली. 


उन्होंने सपा के अमरजीत सिंह को 307 मतों से शिकस्त दी. बागपत जिले की बड़ौत सीट पर भी मुकाबला कड़ा हुआ. अंतत: जीत भाजपा के कृष्णपाल मलिक की हुई. उन्होंने रालोद के उम्मीदवार जयवीर को 315 मतों से हराया. सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा में भी भाजपा और सपा के बीच जबरदस्त टक्कर हुई. यहां से भाजपा के मुकेश चौधरी ने सपा के धरम सिंह सैनी को 315 मतों से पराजित किया. 


सैनी मुख्यमंत्री योगी की सरकार में मंत्री थे और चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. गोंडा जिले की कटरा विधानसभा सीट पर भी कांटे की टक्कर हुई. यहां भाजपा के वीर विक्रम सिंह ने सपा के राजेश यादव को 357 मतों से मात दी वहीं औरैया जिले की दिबियापुर सीट पर सपा के प्रदीप कुमार यादव ने भाजपा के लखन सिंह राजपूत को 473 मतों से हराया. 


जौनपुर जिले की शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के रमेश निर्बल ने सपा के विधायक और कद्दावर नेता शैलेंद्र यादव ललाई को 719 मतों से हराया जबकि सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज सीट पर सपा की सैयदा खातून ने बाजी मारी. कांटे के मुकाबले में उन्होंने भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह को 771 मतों से हराया. मुरादाबाद जिले की मुरादाबाद नगर सीट से भाजपा के रितेश कुमार गुप्ता ने सपा के युसूफ अंसारी को 782 वोटों से हराया जबकि फिरोजाबाद जिले की जसराणा सीट पर हुई जबरदस्त टक्कर में जीत सपा के सचिन यादव के खाते में गई. उन्होंने भाजपा के मानवेंद्र सिंह को 836 मतों से हराया. 


गोवा में बेहद कम वोट से जीते प्रमोद सावंत


गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 10 पर कांटे का मुकाबला हुआ. इनमें से छह पर भाजपा को जीत मिली और शेष पर विपक्षी दलों की विजय हुई मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद सैंक्वेलिम से महज 666 मतों के अंतर से जीतने में सफल रहे. कई दौर तक पिछड़े रहने के बाद उन्होंने आखिरकार कांग्रेस के धर्मेश सगलानी को पराजित किया. इसी प्रकार गोवा के बिचोलिम से निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रकांत शेत्ये ने महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के उम्मीदवार नरेश सवल को 318 मतों से पराजित किया. कर्चोरेम से भाजपा के नीलेश काबराल ने कांग्रेस के उम्मीदवार अमित पाटकर को 672 मतों से हराया. 


मेंड्रिम से एमजीपी के जीत विनायक बारोलकर ने भाजपा के उम्मीदवार दयानंद सोप्ते को 715 मतों से पराजित किया वहीं नवेलिम से भाजपा के उल्हास तुएनकर ने तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार वलांका नताशा अलेमाओ को 430 वोटों से हराया. पणजी से भाजपा के अतानासियो मोंसेराटे ने निर्दलीय उम्मीवार और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर को 716 मतों से हराया. 


पोंडा विधानसभा से भाजपा के रवि नाइक ने एमजीपी के केतन प्रभु भाटीकर को महज 77 वोटों से हराया. प्रिओल से भाजपा के गोविंद शेपु गौड़े ने एमजीपी के दीक धवलीकर को 213 मतों से हराया. सेंट आंद्रे से रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी के विरेश मुकेश बोरकर ने भाजपा के फ्रांसिस्को सिलवीरा को 76 मतों से हराया. वेलिम से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार क्रुज सिल्वा ने कांग्रेस के डिसिल्वा सेवियो को 169 मतों से पराजित किया.


पंजाब में दो सीटों पर 500 से कम वोट से जीते प्रत्याशी


पंजाब में सिर्फ दो ही सीटें ऐसी रही जहां जीत और हार का फासला 500 से भी कम मतों का रहा. डेरा बाबा नानक से कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शिरामणि अकाली दल के रविकरण सिंह कहलों को 466 मतों से पराजित किया. जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी के रमन अरोड़ा ने कांग्रेस के राजिंदर बेरी को 247 मतों से पराजित किया. मणिपुर की 22 सीटों पर जीत और हार एक हजार मतों के अंतर से तय हुयी. चूड़ाचांदपुर से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के एम एम खौते ने भाजपा के वी हंगखनलियान को 624 मतों से हराया. हेइरोक से भाजपा के थोकचोम राधेश्याम सिंह ने कांग्रेस के एम ओकेंद्रो को 403 मतों से हराया. 


जिरिबाम से जदयू के मोहम्मद अचबुद्दीन ने भाजपा के एन बुद्धचंद्र सिंह को 416 मतों से पराजित किया. कीसामथोंग से निर्दलीय उम्मीदवार सपम निशिकांत सिंह ने रिपब्लिकन पार्टी के महेश्वर थौनावजम को 187 मतों के अंतर से हराया. खेत्रीगांव से नेशनल पीपुल्स पार्टी के शेख नूरूल हसन ने भाजपा के एन इंद्रजीत सिंह को 742 मतों से हराया जबकि खुंद्राकपम से कांग्रेस के थोकचोम लोकेश्वर सिंह ने भाजपा के टी मोहेंद्रो सिंह को 215 वोटों से पराजित किया. कोंथउजम से भाजपा के सपम रंजन सिंह ने एनपीपी के शरत सिंह को 394 मतों से पराजित किया. लिलोंग सीट से जदयू के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल नसीर ने भाजपा के वाई अंतस खान को 570 मतों से हराया. फुंग्यार से नगा पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवार लेशियो किशिंग ने भाजपा के ए एस होपिंगसन को 779 वोटों से हराया. 


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थानलोन से भाजपा के वुंगजागिन वाल्ते ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार खानथांग तोनसिंग को 751 मतों से हराया. उखरूल से नगा पीपुल्स पार्टी के राम मूइवाह ने कांग्रेस के अल्फ्रेड कनगम एस आर्थर को 942 वोटों से पराजित किया. उरीपोक से भाजपा के के रघुमणि सिंह ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार वाई जोयकुमार सिंह को 909 मतों से हराया. वाबगई से भाजपा के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को सिर्फ 50 वोटों से हराया. 


भाजपा के थोकचोम सत्यव्रत सिंह ने यैसकुल विधानसभा सीट से नेशनल पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार हुइड्रोम विक्रमजीत सिंह को 632 मतों से हराया. उत्तराखंड की पांच सीटों पर बेहद कांटे का मुकाबला हुआ और हार व जीत का अंतर 1000 मतों से कम का रहा. उत्तराखंड में सबसे कांटे का मुकाबला मंगलौर सीट पर रहा, जहां बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सरवत करीम अंसारी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस के उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 661 मतों से शिकस्त दी.


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