नई दिल्ली: माफिया-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को सोमवार को प्रयागराज की केंद्रीय जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या अतीक और अशरफ के हत्यारों को प्रयागराज की नैनी जेल में खतरा था.


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प्रयागराज से प्रतापगढ़ जेल शिफ्ट किए गए अतीक के हत्यारे
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमीरपुर के सनी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) ​​को प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज की केंद्रीय कारागार से जिला जेल प्रतापगढ़ स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने कहा कि तीनों को दोपहर 12 बजे प्रयागराज से ले जाया गया और दोपहर 2.10 बजे प्रतापगढ़ में प्रवेश किया.


सनी, लवलेश और अरुण ने 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की उस वक्त हत्या कर दी थी जब उन्हें मेडिकल जांच के बाद अस्पताल से वापस लाया जा रहा था. अतीक का बेटा अली प्रयागराज जेल में बंद है.


हत्या की जांच के लिये उप्र पुलिस ने बनाया एसआईटी
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद तथा उसके भाई अशरफ की सरेशाम गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की जांच के लिये उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने तीन सदस्‍यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को बयान में कहा कि प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के निर्देश पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.


शर्मा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, '15 अप्रैल (शनिवार) को अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम ऊर्फ अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के मामले में शाहगंज में अभियोग पंजीक़त किया गया है, जिसकी जांच शाहगंज थाने के प्रभारी कर रहे हैं'. इसमें कहा गया है, 'उक्त मामले की जांच में, गवाहों के बयान/साक्ष्य (रिकॉर्डिंग) सुनिश्चित करने के लिए, अभिलेखीय/इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का संकलन, वैज्ञानिक/फोरेंसिक साक्ष्यों का संकलन करने, विधि विज्ञान प्रयोगशाला से परीक्षण कराने और निष्पक्ष एवं गुणात्मक परक विवेचना जांच सुनिश्चित करने के प्रायोजन से यह विवेचना एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा करायी जाएगी.'


सीएम योगी के निर्देश पर किया गया था न्यायिक आयोग का गठन
बयान में कहा गया है कि प्रयागराज के अपर पुलिस उपायुक्‍त (अपराध) सतीश चंद्र मुख्य विवेचक होंगे. इसके दो अन्य सदस्यों में सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली सतेंद्र प्रसाद तिवारी तथा अपराध शाखा के विवेचना प्रकोष्ठ के निरीक्षक ओम प्रकाश शामिल हैं. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक आर के विश्वकर्मा की ओर से जारी एक अन्य बयान में कहा गया है कि गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय निगरानी टीम का भी गठन किया गया है. बयान में कहा गया है कि प्रयागराज के अपर पुलिस महानिदेशक को इसका प्रमुख बनाया गया है. इसमें कहा गया है कि इसके दो अन्य सदस्यों में प्रयागराज के पुलिस आयुक्‍त तथा लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक शामिल हैं.


इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश पर घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच के लिये रविवार को एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई वाला यह आयोग दो महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा. राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुरेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के दो अन्य सदस्य हैं.


गौरतलब हैं कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की शनिवार देर रात करीब 10 बजे पुलिस द्वारा चिकित्सा जांच कराकर वापस ले जाए जाते वक्त मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के बाद तीनों हमलावरों को पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया था. तीनों की पहचान बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) के रूप में हुई है. इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उमेश पाल हत्याकांड मामले में 13 अभियुक्तों में से अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे असद समेत अब तक छह आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ या अन्य गोलीकांड में मारे जा चुके हैं.
(इनपुट- भाषा)


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