नई दिल्ली: रामपुर जिले के पटवाई थाना क्षेत्र के सोहना गांव में क्रिसमस के मौके पर दलित समाज के लोगों को एकत्र कर धर्म परिवर्तन का उपदेश देने के आरोप में एक पादरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. उधर, बलिया में दलित वर्ग के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित कराने के कथित प्रयास में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि पादरी पोलूस मसीह को एक ग्रामीण राजीव यादव की शिकायत पर रविवार देर रात गिरफ्तार किया गया. 


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लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए उकसाने का आरोप


यादव ने पुलिस को दी गयी तहरीर में पादरी पर गांव के अनुसूचित जाति (दलित समाज) के लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में राजीव यादव द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर पादरी के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा तीन एवं पांच (एक) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) डॉ. संसार सिंह ने बताया कि पटवाई थाना प्रभारी हरेंद्र यादव को सूचना मिली थी कि सोहना गांव में सिविल लाइन थाना क्षेत्र का निवासी एक पादरी पोलूस मसीह अनुसूचित जाति के लोगों को इकट्ठा कर उनको धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहा है. 


एएसपी ने बताया कि उसी गांव के राजीव यादव की शिकायत पर थानाध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पादरी को गिरफ्तार कर लिया और विधिक प्रक्रिया पूरी कर उसको जेल भेज दिया. वहीं, बलिया से मिली खबर के अनुसार जिले के सिकंदरपुर थाना अंतर्गत मालदह पुलिस चौकी के प्रभारी शिव मूर्ति तिवारी ने सोमवार को बताया कि थाना क्षेत्र के तिलौली गांव में रविवार को पुलिस ने राम निवास नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. 


 ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने का कर रहा था प्रयास


उन्होंने बताया कि राम निवास पर रविवार को धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास करने के मामले में लोक शांति भंग करने के आरोप में कार्रवाई की गई है. तिवारी ने बताया कि आरोपी गांव के दलित वर्ग के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने का प्रयास कर रहा था और इसके लिए बहुत दिनों से पूजा आदि के जरिए प्रयास कर रहा था. उन्होंने बताया कि राम निवास द्वारा रविवार को क्रिसमस के मौके पर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास करने को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी थी. 


उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम प्रदेश के प्रमुख अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक करने के बाद उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था, “आगामी 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार है. सभी धर्मगुरुओं के साथ संवाद बनाते हुए शांतिपूर्ण माहौल के बीच क्रिसमस आयोजन मनाने की व्यवस्था हो. यह सुनिश्चित किया जाए, कहीं भी धर्मांतरण की घटना न होने पाये.” बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी रविवार को क्रिसमस पर्व की शुभकामना देते हुए कहा था, 'जबरन हर चीज बुरी होती है और बुरी नीयत से धर्म बदलना और बदलवाना दोनों गलत है.’’ 


अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर ये है सजा का प्रावधान?


गौरतलब है कि विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या पहचान छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान है. इसके तहत शादी से पूर्व धर्म परिवर्तन के लिए दो महीने पहले नोटिस देना होगा. अगर कोई अपना नाम और धर्म छिपाकर शादी करता है, तो उसे 10 साल की जेल की सजा हो सकती है. 


कानून के तहत, महिला, अनुसूचित जाति-जनजाति का अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर दो साल से 10 साल तक की जेल का प्रावधान है. धर्मगुरु अगर धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. धर्म परिवर्तन करने वाले को भी जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. अगर कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना देना होगा. अगर कोई संगठन ऐसा कराता है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है. 


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