नई दिल्ली: Atul Anjan: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय महासचिव का अतुल अंजान निधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. करीब एक महीने पहले उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अतुल अंजान को कई नौजवान कॉमरेड नेता अपना आदर्श मानते हैं. इतना ही नहीं, पूर्व CM मुलायम सिंह ने तो अखिलेश को अतुल अंजान से सीखने की नसीहत भी दी थी. 


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छात्र संघ के अध्यक्ष बने
अतुल अंजान का राजनीतिक सफर छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था. जिस साल देश से इमरजेंसी हटी थी, उसी साल यानी 1977 में अतुल अंजान लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट बने. केवल 20 साल की उम्र में ही अतुल अंजान नेशनल कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे. 


चार बार जीते छात्र संघ का चुनाव
अतुल अंजान की लोकप्रियता का आलम ऐसा रहा कि वे लखनऊ यूनिवर्सिटी से चार बार छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीते. छात्र जीवन के दौरान ही अतुल अंजान लेफ्ट पार्टी में शामिल हो गए. लखनऊ में गली-गली का लड़का उन्हें लाल सलाम कहने लगा था. अतुल अंजान 'कॉमरेड अंजान' के नाम से मशहूर हो गए थे. 


मुलायम ने कहा- अखिलेश इन्हें ध्यान से सुनो
अतुल अंजान का एक किस्सा सियासी गलियारों में आज भी सुनाया जाता है. दरअसल, एक बार समाजवादी सरकार के दौरान मुलायम सिंह यादव मऊ आए थे, उन्हें यहां पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दो बड़े नेताओं की मूर्ति का अनावरण करना था. इस दौरान उनके साथ CM अखिलेश यादव और अतुल अंजान भी मंच पर मौजूद थे. जब अतुल भाषण देने के लिए खड़े हुए तो मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा, 'अतुल कुमार अंजान से सीखिए, उनकी सभी बातों को गौर से सुनिए.'


कॉमरेड अतुल बोले- मैं अपनी पार्टी नहीं छोड़ सकता
इसी मंच पर ही नेताजी ने कॉमरेड अतुल अंजान को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया. अतुल अंजान ने बेहद विनम्र ढंग से जवाब दिया, 'मैं अपनी पार्टी नहीं छोड़ नहीं सकता.' अंजान का जवाब सुनकर सब सन्न थे. लेकिन मुलायम सिंह को जरा भी हैरान नहीं हुई, क्योंकि वे जानते थे कि अंजान अपनी विचारधारा के पक्के हैं. 


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