मोहन भागवत ने देर से अपार ज्ञान पाया... जानिए शंकराचार्य ने क्यों उड़ाया RSS प्रमुख का मखौल
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का माखौल उड़ाया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि जाति व्यवस्था ‘पंडितों’ ने बनाई है. सरस्वती ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.
नई दिल्लीः ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का माखौल उड़ाया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि जाति व्यवस्था ‘पंडितों’ ने बनाई है. सरस्वती ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.
'RSS प्रमुख की माफी भी बेकार होगी'
उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख के बयान से उनकी छवि ठीक होने के बजाय खराब हुई है और यहां तक माफी भी बेकार होगी. भागवत की टिप्पणी के बारे में जब पूछा गया तो शंकराचार्य ने कहा, ‘उन्होंने देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है. आपने अनुसंधान किया है...क्या अनुसंधान? आप बताएं. हमने भागवद गीता में पढ़ा है...भगवान कृष्ण ने कहा है कि उन्होंने चार वर्ण बनाए हैं.’
शंकराचार्य ने भागवत पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा, ‘आप (भागवत) कह रहे हैं कि भगवान ने यह नहीं बनाया है. उन्हें पंडितों ने बनाया है. फिर आप कहते हैं कि पंडित का अभिप्राय विद्वान है न कि ब्राह्मण. अगर विद्वानों ने अगर कुछ कहा है तो फिर आप नकार क्यों रहे हैं.’
जब पूछा गया कि भागवत को क्या माफी मांगनी चाहिए तो शंकराचार्य ने कहा कि उससे कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि पहले ही उनकी बहुत आलोचना हो चुकी है.
भागवत के बयान पर आईं मिश्रित प्रतिक्रियाएं
गौरतलब है कि गत रविवार को भागवत ने रविदास जयंती पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि ईश्वर के समक्ष सभी बराबर हैं लेकिन ‘पंडितों ने जाति व्यवस्था बनाई है.’ मोहन भागवत के इस बयान पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं. कुछ हलकों में इस बयान का समर्थन किया गया है तो कुछ ने इसकी आलोचना की है.
(इनपुटः भाषा)
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