ये है अयोध्या की नई पहचान, जानिए क्या-क्या हो रहा खास
अयोध्या 3 गुना पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो रही है. आज, यह एक ऐसा शहर है जो आने वाले वर्षों में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक बनने की ओर अग्रसर है.
नई दिल्ली: एक रेलवे स्टेशन जो राम मंदिर की प्रतिकृति है, आधुनिक सुविधाओं से लैस एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, चौड़ी सड़कें, जो मंदिरों तक पहुंच आसान बनाएगी, रहने की बेहतर सुविधाएं और निश्चित रूप से बहु-प्रतीक्षित राम मंदिर. ये है अयोध्या की नई पहचान.
जिसे 'नव्य अयोध्या' के नाम से जाना जाएगा
अयोध्या, कुछ साल पहले तक, मुख्य रूप से बाबरी विध्वंस और एक मंदिर के लिए कानूनी लड़ाई के लिए जाना जाता था. आज, यह एक ऐसा शहर है जो आने वाले वर्षों में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक बनने की ओर अग्रसर है - जो न केवल घरेलू बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा.
राम मंदिर का निर्माण जो पवित्र शहर के तेजी से विकास के साथ हो रहा है, एक नए अयोध्या का मार्ग प्रशस्त करेगा. पवित्र शहर एक विस्तार के लिए तैयार है जिसे 'नव्य अयोध्या' के नाम से जाना जाएगा.
नई टाउनशिप 1500 एकड़ में फैलेगी और इसमें करीब दो दर्जन राज्यों के गेस्ट हाउस होंगे. नई बस्ती को वास्तु अनुकूल वैदिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा.
कोरिया सहित 5 देशों के होंगे गेस्ट हाउस
नए अयोध्या में कोरिया सहित 5 देशों के गेस्ट हाउस होंगे, और विभिन्न संप्रदायों, समुदायों और स्वयंसेवी संगठनों के लिए 100 से अधिक भूखंड होंगे. हालांकि, पवित्र शहर का केंद्र बिंदु राम मंदिर रहेगा, जो यकीनन दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा.
पर्यटन विभाग के एक अनुमान के अनुसार, अगले एक दशक में अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि होगी. सांख्यिकीय विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 तक 6.8 करोड़ से अधिक लोग राम के जन्मस्थान की यात्रा करेंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ और शीर्ष शहरों में से एक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. 2019 में अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार द्वारा सभी विकास योजनाओं को गति दी गई है.
2023 तक पूरी हो जाएंगी सभी परियोजनाएं
अधिकारियों को 2023 तक सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा गया है जब मंदिर का गर्भगृह भक्तों के लिए खुलेगा.
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने का वादा किया है और इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं.अधिकारियों के मुताबिक, राम मंदिर तक भक्तों को लाने-ले जाने के लिए एंट्री प्वाइंट पर इलेक्ट्रॉनिक वाहन होंगे. सभी मुख्य रूटों पर पाकिर्ंग और मल्टी लेवल पाकिर्ंग एरिया होंगे.
राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 200 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
भगवान राम पर आधारित डिजिटल संग्रहालय
पर्यटन को बढ़ावा देने और शहर को सुशोभित करने के लिए अयोध्या में भगवान राम पर आधारित एक डिजिटल संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है.
उत्तर प्रदेश सरकार भी पर्यटकों की सुविधा के लिए रोपवे बनाने की योजना बना रही है. सरकार का यह विचार न केवल पर्यटकों और भक्तों के लिए सुविधाजनक होगा बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगा.
सरयू नदी को बिना किसी प्रदूषण के स्वच्छ और शुद्ध बनाने के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से जोड़ा जाएगा. अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.
शहरी विकास विभाग, गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकास एजेंसी (एनईडीए) के साथ मिलकर इस पर एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है.
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