नई दिल्ली. कर्नाटक ईदगाह मैदान में हिंदू त्योहारों की अनुमति देने की अपनी मांग के समर्थन में कई हिंदू संगठनों ने एक विशाल रैली की घोषणा की है.
इस संबंध में बेंगलुरू के जंगमा मठ में हिंदू संगठन पहले ही बैठक कर चुके हैं.


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खेल का मैदान बनाने की मांग


कार्यकर्ताओं की मांग है कि ईदगाह मैदान को सभी के लिए खेल का मैदान बनाया जाए. ईदगाह मैदान पर वक्फ बोर्ड के दावों को चुनौती देने के साथ-साथ कानूनी लड़ाई छेड़ने के लिए कुल 25 हिंदू संगठनों के साथ-साथ स्थानीय समूहों ने हाथ मिलाया है. 


ईदगाह मैदान को खेल के मैदान के रूप में बनाए रखने की जरूरत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हिंदू संगठन डोर टू डोर अभियान चला रहे हैं. उन्होंने संपत्ति पर दोहरे रुख के लिए बृहत बेंगलुरू महानगर पालिक को भी निशाने पर लिया है.


साल में केवल दो बार मिले नमाज की अनुमति


शुरुआत में बीबीएमपी ने दावा किया कि ईदगाह मैदान उसकी संपत्ति है, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया. हिंदू संगठनों ने बीबीएमपी की आलोचना की है और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार से हस्तक्षेप करने और मामले को सुलझाने का आग्रह किया है. 


कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मुसलमानों को साल में दो मौकों पर नमाज अदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए और बाकी दिनों में मैदान को खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए. 


इलाके में है मुसलमानों की बड़ी आबादी


बता दें कि बैंगलुरू के चामराजपेट इलाके मुसलमानों की बड़ी आबादी है और इसे बेंगलुरू के संवेदनशील क्षेत्रों में से एक माना जाता है. कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. हिंदू कार्यकर्ताओं ने उन्हें चेतावनी दी है कि वह सिर्फ एक धर्म के विधायक नहीं हैं और उन्हें हिंदुओं को भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.


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